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राम मंदिर: पीएम के बयान पर सहयोगी दलों का अल्टीमेटम

विश्व हिंदू परिषद ने पीएम मोदी के राम मंदिर पर दिए बयान पर नाराजगी जताई है। VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा वो राम मंदिर के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते।

लोकसभा चुनाव का वक्त जैसे-जैसे करीब आ रहा है। राम मंदिर निर्माण की मांग तेज होती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए गए बयान पर बजेपी के सहयोगी दलों ने नाराजगी जताई है। विश्व हिंदू परिषद ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि वो राम मंदिर निर्माण के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकती है। VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए जल्द कानून बनाने की मांग की है। एक जनवरी को पीएम ने समाचार एजेंसी को एक इंटरव्यू में कहा था कि राम मंदिर मामले में सरकार संविधान के तहत ही काम करेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।

आलोक कुमार ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी के बयान को देखा। यह मामला 69 साल से कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि यह मामला उनकी प्राथमिकता में नहीं है। ऐसे में विहिप सालों साल तक कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं कर सकता। आलोक कुमार ने कहा ‘’हम चाहते हैं कि सरकार अध्यादेश लाकर भव्य मंदिर बनाए। इस मामले में आगे की बातचीत प्रयागराज में धर्म संसद होगी। वहां संत तय करेंगे कि हमें आगे क्या करना है?”

एससी एसटी एक्ट में सरकार द्वारा किए बदलाव का हवाला देते हुए VHP ने कहा कि सरकार के पास अधिकार है कि वो मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सके। साधु-संतों ने भी कहा है कि वो राम मंदिर निर्माण के लिए लंबे वक्त तक इंतजार नहीं कर सकते। संतो ने सरकार से संसद में कानून लाकर राम मंदिर बनाने की मांग की है।

सरकार में सहयोगी शिवसेना ने भी राम मंदिर पर पीएम मोदी के दिए गए बयान को लेकर तंज कसा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि पीएम ये ना बताएं कि मामला कोर्ट में है। अगर हम यही चाहते तो आंदोलन की जरूरत क्या था। शिवसेना ने मोदी को याद दिलाया कि बीजेपी ने इसी मुद्दे पर सरकार बनाई थी।

 

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