साध्वी प्रज्ञा को चुनाव आयोग से राहत तो मिली, दूसरा सबसे बड़ा रोड़ा अभी राह में अड़ा है!
भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की राह में मतदान से पहले कई अड़चने आने लगी हैं। उनकी उम्मीदवारी पर विपक्ष समेत कई लोग साल खड़े कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर को राहत देते हुए चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है। कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला की उस मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर किसी भी मामले में दोषी नहीं हैं। उनपर कोई भी दोष साबित नहीं हुआ है। आयोग ने कहा कि कानून के मुताबिक, दोष सिद्ध होने पर चुनाव न लड़ने का प्रावधान है। पूनावाला ने शिकायत में कहा था कि प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी हैं और जेल से बाहर हैं, ऐसे में उन्हें चुनाव नहीं लड़नेकी इजाजत नहीं देनी चाहिए।
Tehseen Poonawalla files complaint with Election Commission against candidature of Pragya Singh Thakur from Bhopal Parliamentary constituency by BJP for #LokSabhaElections2019 ; "requests EC to debar her from contesting elections as she is a terror accused". pic.twitter.com/hCyfeSgFnX
— ANI (@ANI) April 18, 2019
चुनाव आयोग ने भले ही प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी हो, लेकिन अभी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। महाराष्ट्र की एनआईए कोर्ट मे मालेगांव ब्लास्ट पीड़ित ने एक याचिका दाखिल की है। याचिका में प्रज्ञा की उम्मीदवारी और चुनाव लड़ने पर सवाल खड़े किए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि प्रज्ञा ठाकुर ने स्वाथ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत ली थी। लेकिन जेल से रिहा होने के बाद वो बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। याचिका में प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है। अभी याचिका पर सुनवाई नहीं हुई है। अगर कोर्ट ने सख्ती दिखाई तो प्रज्ञा का चुनाव लड़ने का सपना टूट सकता है।
Malegaon blast victim's father approaches NIA court to bar Sadhvi Pragya Thakur from contesting Lok Sabha poll
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— ANI Digital (@ani_digital) April 18, 2019