इन देशों के पास नहीं है अपना ‘संविधान’, ऐसे चलती है कानून-व्यवस्था
भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनना रहा है। 71 साल पहले 26 जनवरी 1949 को इसी दिन आजादी के बाद देश में अपना मौजूदा संविधान अपनाया गया था। भारत के पास अपना संविधान है।
हालांकि इसमें कई चीजें अलग-अलग देशों से ली गई हैं। देश में नया कानून कैसे बनेगा या किसी मौजूदा कानून में कुछ भी कैसे बदलाव किया जाएगा इसका इख्तियार संसद को है। लेकिन क्या आपको पता है दुनिया में कई ऐसे देश भी हैं जिनका अपना कोई संविधान नहीं है। आज आपको उन्हीं देशों के बारे में बताते हैं। साथ ही ये भी बताते हैं कि उन देशों में शासन कैसे चलता है।
इंग्लैंड के पास नहीं है लिखित संविधान
जिन अंग्रेजों ने हम पर करीब 200 सालों तक हुकूमत की उनके पास अपना संविधान लिखित में नहीं है। इंग्लैंड यानी यूनाइटेड किंगडम में पहले से ही कुछ नियम बने हुए हैं, जिन्हें आधार मानकर शासन किया जाता है। हालांकि ये सारे नियम संविधान के अधिनियमों के बराबर महत्व रखते हैं। इंग्लैंड के कानून को वक्त और जरूरत के हिसाब से बदला जा सकता है।
सऊदी अरब में कैसे चलता है शासन?
सऊदी अरब के कानून के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा। सुना होगा कि वहां किसी भी मामूली अपराध पर भी कई बार कठोर सजा सुनाई जाती है। लेकिन आपको बता दें कि सऊदी अरब के पास भी अपना कोई लिखित संविधान नहीं है। इस देश में कुरान को ही सबसे बेहतर मान कर फैसले लिए जाते हैं।
इजराइल में कानून
भारत के एक साल आजाद हुए इजराइल के पास भी अपना कोई लिखित संविधान नहीं है। आजादी के बाद इजराइल में संविधान बनाने की कोशिश तो की गई थी, लेकिन संसद में आपसी मतभेद की वजह से बनाया नहीं जा सका। यहां की संसद में अलिखित संविधान को मान्यता प्राप्त है, जिससे पूरे देश की शासन व्यवस्था चलाई जाती है।
न्यूजीलैंड देश कैसे चलता है?
जिस न्यूजीलैंड के बार में आप सुनते हैं कि वहां लोग बहुत ही ज्यादा धर्मनिर्पेक्ष हैं। उनके पास भी अपना लिखित संविधान नहीं है। अलिखित संविधान के आधार पर ही यहां की न्याय और प्रशासनिक व्यवस्था चलती है। पहले बने कानूनों को आधार मानकर ही यहां शासन चलाया जाता है।
कनाडा का संविधान
उत्तरी अमेरिकी देश कनाडा के संविधान को लेकर काफी विवाद है। कुछ लोगों का मानना है कि यहां अलिखित संविधान के जरिए शासन होता है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि यहां लिखित संविधान है। माना जाता है कि कनाडा में लिखित संविधान तो है, लेकिन यहां की सरकार अलिखित संविधान के नियमों का ही पालन करती है।