ये है आतंकी मसूद अजहर का काला चिट्ठा
जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की भारत की कोशिश रंग लाई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानि UNSC ने मसूद अजहर को बैन कर दिया है।
लाख कोशिशों के बावजूद चीन मसदू अजहर को बचा नहीं पाया और भारत की कूटनीति के आगे चीन को भी झुकना पड़ा। चीन ही 4 बार से UNSC में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की राह में अड़ंगे लगा रहा था। यूएन में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। साथ ही सहयोग के लिए बाकी देशों का सुक्रिया किया। आपको बताते है कि आखिर कौन है आतंकी मसूद अजहर और इसका काला चिट्ठा?
मसूद अजहर का काला चिट्ठा
मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है। साल 1999 में मसूद ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया। इसके बाद से ही वो भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने लगा। अप्रैल 2000 में जैश के आतंकियो ने श्रीनगर में बादामी बाग कैंटोमेंट में कार बम के जरिए धमाका किया। जिसमें करीब 30 लोग मारे गए। 2001 में 13 दिसंबर को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला किया था। 5 आतंकी घातक हथियारों के साथ संसद में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। साल 2016 में उरी में आर्मी कैंप में हुए हमले के पीछे भी जैश के आतंकियों का ही हाथ था। इस हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। वहीं इस साल फरवरी में पुलवामा हुए आतंकी हमला के का मास्टमाइंड भी मसूद अजहर ही है। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस शहादत का बदला इंडियन एयरफोर्स ने जैश के अड्डों पर एयरस्ट्राइक करके लिया था।
कौन है मसूद अजहर?
मसूद अजहर की पैदाइश पाकिस्तान के बहावलपुर में हुई। उसकी शुरुआती पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और फिर हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया। यहीं से इसके आतंकी बनने की शुरुआत हुई। 1994 में आतंक का ये आका श्रीनगर आ गया। हालांकि उसे उसी साल गिरफ्तार लिया गया। मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए आतंकियों ने कई बार कोशिशें की, लेकिन कामयाब नहीं हुए। 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया। आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग रखी, लेकिन इस बीच आतंकियों के चंगुल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया। इसके बाद आतंकियों ने सभी पर्यटकों की मौत के घाट उतार दिया।
1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वा पाने में कामयाब रहे। 1999 में नई दिल्ली से काठमांडू जाने वाली फ्लाइट को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। आतंकी विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले गए। विमान में कुल 178 यात्री सवार थे। यात्रियों को छोड़ने के लिए आतंकियों ने मसूद अजहर को रिहा करने की शर्त रखी। अजहर समेत तीन आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल जेल से निकालकर कंधार ले जाया गया। जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया। इसके बाद से मसूद अजर कश्मीर के युवाओं को आजादी के नाम पर भड़काने की कोशिश कर रहा है।