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भारत-नेपाल रिश्तों को अब मिलेगी नई उड़ान, चीन को टक्कर देगा ये प्रोजेक्ट!

दुनिया की सबसे बड़ी नयापुल/बीरेथाटी-मुक्तिनाथ केबल कार परियोजना नेपाल में शुरू होने वाली है। यह परियोजना ऐसे समय में शुरू हो रही है जब चीन तेजी से नेपाल में अपने पैर पसार रहा है। 2022 में चीन (China) ने नेपाल (Nepal) को 15 अरब रुपये की मदद देने का ऐलान किया था। ऐसे में कूटनीतिक तौर पर भी इस परियोजना का महत्व काफी बढ़ जाता है।

भारत (India) और नेपाल (Nepal) के बीच पारस्परिक व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई देने वाली नयापुल/बीरेथाटी-मुक्तिनाथ केबल कार परियोजना (Nayapul/Beerethati – Muktinath Cable Car Project) तेजी से आकार ले रही है। इस प्रमुख विकास परियोजना उच्च मानकों और तय समय में पूरा करने के लिए दोनों देशों की प्रमुख कंपनियों मुक्तिनाथ केबलकार प्राइवेट लिमिटेड (Muktinath Cablecar Pvt Ltd) और हैदराबाद की K&R रेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के बीच प्रारंभिक समझौता ज्ञापन (MoU) में हुआ है। ये विश्व की सबसे बड़ी केबल कार परियोजना है।

नयापुल/बीरेथाटी-मुक्तिनाथ केबल कार परियोजना लंबे समय से लंबित परियोजना है। इसके लिए नेपाल सरकार निवेश बोर्ड (Nepal Government Investment Board) ने भारत और नेपाल की कंपनियों के बीच हुए इस अनुबंध और निवेश स्वीकृति प्रदान की है। मुक्तिनाथ केबलकार प्राइवेट लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रबंध निदेशक श्रीधर सपकोटा और ईपीसीएफ का प्रतिनिधित्व करने वाले K&R रेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अध्यक्ष केपी कालरा ने एमओयू पर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर किए।

एमओयू की शर्तों के तहत, K&R रेल इंजीनियरिंग लिमिटेड ने परियोजना के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) के साथ-साथ गैर-परिवर्तनीय मुद्रा में परियोजना ऋण प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है।

90% जमीन अधिग्रहण का काम पूरा

इस परियोजना पर बीते दो साल से काम चल रहा है, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) अध्ययन और पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA) भी अब अपने अंतिम चरण में है। मुक्तिनाथ दर्शन प्रा. लिमिटेड ने परियोजना के लिए आवश्यक 90% जमीन का अधिग्रहण पूर्ण कर लिया है।

मुक्तिनाथ केबल कार परियोजना की लागत कितनी है?

मुक्तिनाथ केबल कार (Muktinath Cable Car) परियोजना की अनुमानित लागत 55 बिलियन है। इसके के लिए वित्तीय संसाधन, पूरा होने वाले हैं, क्योंकि आवश्यक ऋण व्यवस्था EPCF (इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण और वित्तपोषण) संरचना के माध्यम से की जाएगी। इसकी लागत का 2 प्रतिशत प्रभावित क्षेत्रों द्वारा आरक्षित शेयरों के माध्यम से दिया जाएगा, 7 प्रतिशत शेयर सामान्य ब्याज के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे, और शेष 11 प्रतिशत को प्रमोटर शेयरों के रूप में नामित किया जाएगा।

48 महीने में पूरी होगी परियोजना

83.65 किलोमीटर लंबी नयापुल/बीरेथाटी-मुक्तिनाथ केबल कार परियोजना शिलान्यास की तारीख से अधिकतम 48 महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए शेष प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। वर्तमान स्थिति के आधार पर K&R रेल इंजीनियरिंग लिमिटेड इस व्यापक समझौते को अंतिम रूप दे रही है। 

क्यों जरूरी है मुक्तिनाथ केबल कार परियोजना?

मुक्तिनाथ केबल कार परियोजना से मुक्तिनाथ मंदिर जाने वालों के लिए बहुत जरूरी है। ये मंदिर झोंग खोला घाटी के शीर्ष में स्थित है . यही झोंगखोला घाटी सामान्यतः मुक्तिनाथ घाटी के नाम से अपनी अलग पहचान बनाती है. इस परियोजना के पूरा होने के बाद पर्यटक झोंगखोला और काली गँडकी नदी के मध्य में हिम से ढकी चोटियां हैं. उससे सटी सामने से देखने पर पर्त दर पर्त बनाती वृक्ष रहित चट्टाने हैं जिनके बीच कहीं झाड़ियों का समूह दिखता है तो कहीं छितराई सी घास और कँटीली वनस्पति को निहार पाएंगे।

भारतीय तीर्थ यात्रियों को होगा फायदा

नेपाल पर्यटन बोर्ड (Nepal Tourism Board) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक,  साल 2023 में नेपाल जाने वाले सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारत से ही थे। आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल जनवरी से दिसंबर के दौरान देश में कुल 6,14,148 विदेशी टूरिस्ट आए. जिनमें से 2,09,105 टूरिस्ट सिर्फ भारतीय थे, जबकि इस मामले में 77,009 लोगों के साथ अमेरिका दूसरे और 44,781 पर्यटकों के साथ ब्रिटेन तीसरे नंबर पर रहा। एटीबी के आकंड़ों के मुताबिक,  26,874 टूरिस्ट के साथ ऑस्ट्रेलिया चौथे पायदान पर रहा। इसके बाद 25,384 लोगों के साथ बांग्लादेश 5वें नंबर पर रहा। ऐसे में मुक्तिनाथ दर्शन प्रा. लिमिटेड और K&R रेल इंजीनियरिंग लिमिटेड का ये प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होगा।

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