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उत्तराखंड में मिली 424 साल पुरानी दुर्लभ चीज, देखने के लिए उमड़ी भीड़, पुरातत्व विभाग भी हैरान!

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक 424 साल पुरानी दुर्लभ चीज मिली है जिसे देखकर हर कोई हैरान है। खबर लगते ही इस दुर्लभ चीज को देखने के लिए भीड़ लग गई।

दरअसल, अल्मोड़ा जिले के तिखौन पट्टी के अंतर्गत छाना गांव में एक शख्स के पास से 424 साल पुराना दुर्लभ ताम्रपत्र मिला है। जिसे देखकर वाकई में हर कोई हैरान है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह ताम्रपत्र तत्कालीन चंद शासक रुद्रचंद ने छाना गांव के तिवारी परिवार के एक पूर्वज को दिया था। जिसमें 450 नाली जमीन देने का आदेश है। आपको बता दें, पहाड़ों में आज भी जमीन का हिसाब गज या बीघा नहीं बल्कि नाली से चलता है।

खबर आग की तरह फैली और सूचना मिलने पर पुरातत्व विभाग की टीम ने तुरंत गांव पहुंचकर इस महत्वपूर्ण ताम्रपत्र को अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया। वहीं क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि छाना गांव में किसी तिवारी परिवार के पास दुर्लभ ताम्र पत्र मौजूद है। जिसके बाद खोजबीन करते हुए पुरातत्व विभाग की टीम वहां पहुंची। जिसके बाद उन्हें यह ताम्र पत्र मिला।

आपको बता दें, राजा रुद्रचंद का कार्यकाल 1565 से 1597 तक माना जाता है, जबकि उन्होंने 1596 ई. में यह ताम्रपत्र प्रदान किया।यह ताम्रपत्र करीब 700 ग्राम वजन का है। ताम्रपत्र कुमाऊंनी भाषा में लिखा गया है।

आपको बता दें, यह ताम्र पत्र 1596 ईसवी का है, जो चंद शासक रुद्र चंद के समय का है। इस ताम्रपत्र को तत्कालीन राजा रुद्रचंद ने तिवारी परिवार के पूर्वज किशलाकर तिवारी को दिया था। इसमें तिखौन पट्टी में उन्हें करीब 450 नाली भूमि दान में देने का आदेश है। भूमि दान के इस ताम्रपत्र में राजा रुद्रचंद के पुत्र लक्ष्मण चद सहित 16 लोगों को गवाह बनाया गया था। सभी 16 लोगों के नाम भी ताम्रपत्र में दर्ज हैं।

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