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उत्तराखंड में तैयार की गई स्वदेशी दूरबीन, 600 मीटर की रेंज में नहीं बच पाएगा दुश्मन, जानें खासियत

आत्मनिर्भर भारत की ओर रक्षा मंत्रालय ने एक और बढ़ा कदम उठाया है। भारतीय सेना के लिए हथियार और उपकरण बनाने वाली देहरादून की ऑर्डनेंस फैक्ट्री ने एडवांस एक्विपमेंट्स बनाने शुरु कर दिए हैं। आयुध निर्माणी की ओर से एसाल्ट राइफल्स की दूरबीन बनाई जा रही है। ये पूरी तरह से स्वदेशी दूरबीन होगी। इस स्वदेशी दूरबीन के जरिए छह सौ मीटर दूर दुश्मन पर सटीक निशाना लगाया जा सकेगा।

इस स्वदेशी दूरबीन की लॉचिंग देहरादून में आयुध निर्माणी में महाप्रबंधक पीके दीक्षित की ओर से की गई। इस दौरान आयुध निर्माणी के अपर महाप्रबंधक एससी झा, कैलाश प्रसाद, आरशर्मा, शर्मिष्ठा कौल, वीरेंद्र चौधरी, राहुल कनौजिया, दिव्या गौतम आदि भी मौजूद रहे। महाप्रबंधक पीके दीक्षित ने इस दौरान बताया कि ये पूर्ण रूप से आयुध निर्माणी देहरादून में तैयार किया है और पूरी तरह से स्वदेशी है। आपको बता दें, एसाल्ट राइफल के लिए इस प्रकार की दूरबीन अभी तक यूएसएस, चेक रिपब्लिक और बेल्जियम से खरीदी जाती थी। जिसकी कीमत करीब पचास हजार होती थी, लेकिन आयुध निर्माणी में इसका निर्माण 40 हजार तक में किया है।

यानि अब हर दूरबीन पर दस हजार रुपये की बचत होगी। महाप्रबंधक पीके दीक्षित ने बताया कि इस स्वदेशी दूरबीन की रेंज करीब छह सौ मीटर है और इसका वजन 550 ग्राम है। लंबाई की बात करें तो इसकी लंबाई 220 मिमी है। आपको बता दें इस तरह की दूरबीन का प्रयोग सेना के साथ ही अर्द्धसैनिक बल के जवान करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी सेना को करीब 13000 दूरबीन की जरूरत है। इसके लिए पिछले दिनों सेना ने टेंडर किए थे। जिसमें आयुध निर्माणी ने भाग लिया है। यह आयुध निर्माणी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

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