फोटो: सोशल मीडिया
केंद्र सरकार ने उन वाहन मालिकों को बड़ी राहत दी है, जिनके वाहनों के दस्तावेज की वैधता 1 फरवरी 2020 के बाद खत्म हो रही थी।
सरकार ने वाहानों की वेधता बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी है। केंद के इस फैसले से उत्तराखंड के भार और यात्री वाहनों के हजरों वाहन मालिकों राहत मिली है। खास तौर पर कुमाऊं के करीब 80 हजार वाहन मालिकों को इस फैसले से राहत मिली है। सरकार ने ये फैसला कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए लिया ङै।
केंद्र ने भार और यात्री वाहनों के फिटनेस, परमिट के साथ ही लाइसेंस की वैधता पहले ही 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी थी। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में एक नया आदेश जारी किया है। नए आदेश के मुताबिक, दस्तावेजों की वैधता को अब 30 सितंबर के बजाय 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे वाहनों की वैधता बढ़ाई जाएगी, जिनकी फिटनेस, परमिट या लाइसेंस की वैधता 1 फरवरी या इसके बाद खत्म हो रही थी।
वाहनों का इंश्यारेंस रिनुअल पहले की तरह अब सीधे नहीं हो पाएगा। वाहन मालिकों को पहले वाहन का प्रदूषण का सार्टिफिकेट लेना होगा। दोपहिया से लेकर भारी वाहनों के लिए नया नियम लागू कर दिया गया है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधीकरण के नियमों में बदलाव के बाद प्रदूषण जांच जरूरी करार कर दिया गया है। आरटीओ राजीव मेहरा ने बताया कि बीमा नियामक आयोग की ओर से किए गए बदलाव का आदेश सभी बीमा कंपनियों के साथ ही परिवहन कार्यालया को जारी कर दिए गए हैं।
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