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उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, मुखबा के लिए डोली रवाना

गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज 12:15 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए।

मां गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए आर्मी बैंड और ढोल-दमाऊ के साथ रवाना हुई। अगले 6 महीने तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन मुखबा गांव में करेंगे। इस दौरान पूरी घाटी मां गंगा के जयकारों से गुंजायमान हुई।

इस बार कोरोनाके चलते मां गंगा के गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने पर श्रद्धालुओं की भीड़ में कमी देखने को मिली। कोरोना काल के बावजूद देश के अलग-अलग प्रदेशों से सीमित संख्या में यात्रियों ने गंगा मां के दर्शन किए। मां गंगा की डोली पैदल जांगला मार्ग से शाम को मार्कण्डेय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। जहां पर स्थानीय लोग और यात्री रात भर मां गंगा के साथ अन्य देवी-देवताओं का कीर्तन भजन करते हैं।

16 नवंबर को भैयादूज के अवसर पर मां गंगा की डोली दोपहर मुखबा गांव के लिए रवाना होगी। जहां पर ग्रामीण मां गंगा का भव्य स्वागत करेंगे। इसके बाद शीतकाल में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में सेमवाल जाति के पुरोहित मां गंगा की 6 महीने तक विधिवत पूजा करते हैं। मां गंगा का स्वागत मुखबा गांव के लोग बेटी की तरह करते हैं। मुखबा गांव के सेमवाल पुरोहित मां गंगा की मुखबा में भी शीतकाल में गंगोत्री धाम की तरह ही विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं।

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