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उत्तराखंड: पोखरी के लोगों पर पड़ी दोहरी मार, कोरोना के साथ पानी की भारी किल्लत से मचा हाहाकार

उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी नगर पंचायत में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। दरअसल, पोखरी पुनर्गठन योजना की पाइपलाइन के छतिग्रस्त होने से यहां पानी की किल्लत पिछले पांच दिनों से बनी हुई है। जिसके चलते पोखरी के लोग बेहद परेशान नजर आ रहे हैं।

कोरोना महामारी के इस दौर में जहां पूरा देश संकट की घड़ी से गुजर रहा है वहीं उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी नगर पंचायत के लोग पानी न होने से दोहरी मार झेल रहे हैं। पोखरी में पानी की किल्लत पिछले पांच दिनों से बनी हुई है। दरअसल पोखरी पुनर्गठन योजना की जो पाइपलाइन है वो आजकल आपदा के कारण छतिग्रस्त हो गयी है। जिसके चलते पोखरी के लोग बेहद परेशान नजर आ रहे हैं।

छात्रसंघ अध्यक्ष पोखरी अभिषेक बर्त्वाल ने कहा है कि पिछले कही दिनों से पानी की भारी समस्याएं जस की तस बनी हुई है, लेकिन जलसंस्थान द्वारा अभी तक छतिग्रस्त पाइप लाइन को न जोड़ना आमजन की भावनाओं को आहत करना है। अभिषेक का कहना है जल संस्थान द्वारा पानी के लिए कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। छात्रसंघ अध्यक्ष पोखरी अभिषेक ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विभाग द्वारा जल्द ही पेयजल लाइन को सुचारू नहीं किया जाता है तो आमजन के साथ मिलकर आंदोलन और जलसंस्थान का घेराव किया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर जल संस्थान के जे ई योगेंद्र धौंडियाल का कहना है कि पोखरी पुनर्गठन योजना की पाइप लाइन आजकल आपदा के कारण छतिग्रस्त हुई है। अभी तक छतिग्रस्त पाइपलाइन का पता नहीं चल पा रहा है। हमारी पूरी टीम पानी के सोर्स की ओर गई हुई है। जैसे ही पेयजल लाइन छतिग्रस्त मिलता है तुरंत ही पाइप लाइन को ठीक कर दिया जाएगा। जे ई योगेंद्र धौंडियाल ने आगे कहा कि हमारे कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं जबकि गोपेश्वर से जलसंस्थान का टैंकर रास्ता लग गया है लेकिन जगह जगह सड़क टूटने से अभी तक नहीं पहुंच पाया है।

चमोली से इंद्रजीत सैनी की रिपोर्ट

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