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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड में लगेगा लॉकडाउन? सीएम धामी ने दिया बड़ा बयान

देश समेत उत्तराखंड में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में सवाल यह कि क्या राज्य लॉकडाउन लगाया जाएगा?

ऐसे कई सवालों के बीच राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम कोरोना को लेकर जानमाल का कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं, सख्ती करने की जरूरत पड़ेगी तो हम और सख्ती करेंगे। मतलब ये कि आने वाले समय में कोरोना की रफ्तार और बढ़ती है तो सरकार कुछ बड़े फैसले लेगी।

इस बीच मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने गुरूवार को सचिवालय में कोविड की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कोविड की तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक तैयारियां करने के दिशानिर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने जनपदों में कोविड की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखें। प्रतिदिन कोविड को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने हेतु कोविड अनुकूल व्यवहार का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। लगातार आमजन में मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु जन-जागरूकता फैलायी जाए, साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों पर कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि टेस्टिंग बढ़ाए जाने के साथ ही नियमित तौर पर डाटा अपलोड किया जाए, ताकि स्थिति का सही से अनुमान लगाया जा सके। उन्होंने 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य शीघ्र से शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। कहा कि 15 से 17 वर्ष के किशोरों को अगले 7 दिनों में वैक्सीनेट कर लिया जाए। साथ ही, 10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को बूस्टर डोज की तैयारी भी सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने पी.एच.सी. और सी.एच.सी. लेवल तक आवश्यक दवाओं, कोविड आइसोलेशन किट आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन की व्यवस्था को सु²ढ़ किए जाने हेतु सभी आवश्यक

कदम समय से उठा लिए जाएं। कोविड के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम आदि को भी एक्टिव कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने टेम्परेरी हेल्थ फेसिलिटीज को भी स्टैण्डबाई मोड में एक्टिव रखे जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सामान्य बेड, ऑक्सीजन बेड और वेन्टीलेटरयुक्त बेड की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि सर्दियों में बर्फ से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करना होगा। ऐसे क्षेत्रों में सम्पर्क मार्ग अवरूद्ध हो जाने पर भी क्षेत्रवासियों को समस्या न हो इसके पूर्व में ही प्रबन्ध कर लिए जाएं।

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