उत्तराखंड के लिए कांग्रेस का ये है घोषणा पत्र, 5 लाख परिवारों को सालाना 40 हजार रुपये, जानें और क्या है खास
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने देहरादून में कांग्रेस के घोषणा पत्र ‘उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र’ को जारी करते हुए इसमें शामिल मुख्य बातें बताईं। पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार से लेकर महिलाओं तक को फोकस में रखा गया है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में 18 बिंदु के साथ चार बड़े कामों का जिक्र है। घोषणा पत्र के मुताबिक, राज्य के चार लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा, गैस सिलेंडर के दाम 500 के पार नहीं होंगे, 5 लाख परिवारों को सालाना 40,000 रुपये मिलेंगे, स्वास्थ्य सुविधाएं हर गांव हर द्वार पर मौजूद होंगी।
सरकार बनने के पहले वर्ष में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी, इसके बाद चरणबद्ध तरीके से यह छूट बढ़ाई जाएगी। पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट को मिलेंगे 5 लाख के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड। सरकारी नौकरी में लगी रोक को तत्काल हटाया जाएगा और वर्तमान में 57000 खाली पद हैं, जिनको पहले साल में भरा जाएगा।
कांग्रेस ने कहा है कि अगर उसकी सरकार बनी तो राज्य में लोकायुक्त व्यवस्था को लागू किया जाएगा। पुलिस विभाग में खाली पदों को तत्काल भरा जाएगा जिसमें 40 फीसदी पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में ब्लॉक कैडर व्यवस्था को लागू किया जाएगा। प्रदेश में समुचित शिक्षा ढांचा विकसित करने के लिए शिक्षा बजट में वृद्धि की जाएगी।
शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली राशि दोगुनी की जाएगी साथ ही प्रत्येक सहित परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। खनिज उत्खनन को एक उद्योग और व्यापार के रूप में मान्यता और सम्मान प्राप्त होगा, अवैध खनन को बंद किया जाएगा
3पी मॉडल पर काम होंगे, प्रोड्यूस प्रोसेस और पार्टनर पर आधारित होंगे, ग्राम उधमिता पार्कों के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा, राज्य के 15 ब्लॉकों को संघ अंकल परियों के रूप में विकसित किया जाएगा। नए फल नए बाजार की नीति को अपनाया जाएगा। राज्य की पहली स्पोटर्स यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी।
चीनी मिलों का आधुनिकीकरण किया जाएगा और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा जिससे कि गन्ना भुगतान समय से किया जा सकेगा। किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर राजनीतिक द्वेष के तहत मुकदमा लगाए गए वो वापस होंगे।