उत्तराखंड में सरकारी राशन उठाने लोग कृपया ध्यान दें! सरकार ने लिया बड़ा फैसला
उत्तराखंड में राज्य खाद्य योजना (एसएफवाई) के करीब 10 लाख राशन कार्ड धारकों को अगले महीने जून से गेहूं नहीं मिलेगा।
इस तरह उन्हें कुल साढ़े सात किलो चावल दिया जाएगा। देश और प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद में आई गिरावट ने इस बार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था में परिवर्तन ला दिया है।
उत्तराखंड में चालू मई माह में अब तक 19200 क्विंटल गेहूं की खरीद हो पाई है। परिणाम स्वरूप एसएफवाई के साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले खाद्यान्न की व्यवस्था बदली गई है। उत्तराखंड में यह व्यवस्था अगले माह जून से लागू होगी। अप्रैल और मई माह में पुरानी व्यवस्था के अनुसार खाद्यान्न वितरण किया गया है। राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत प्रत्येक राशन कार्ड धारक को पांच किलो गेहूं और ढाई किलो चावल सस्ती दर पर दिया जाता है। यह दर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसवाई) के लाभार्थियों से अधिक है। अगले महीने एसएफवाई के लाभार्थियों को पांच किलो गेहूं के स्थान पर पांच किलो चावल मिलेगा। उन्हें कुल साढ़े सात किलो चावल दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने शेष बचे दस महीनों के लिए गेहूं का कोटा खत्म कर दिया है। अब संशोधित मासिक कोटे के अनुसार 8461 मीट्रिक टन चावल दिया जाएगा।
पहले 5669 मीट्रिक टन गेहूं और 2792 मीट्रिक टन चावल का कोटा निर्धारित था। केंद्र सरकार ने एनएफएसवाई के अंतर्गत उत्तराखंड के 13 लाख से अधिक प्राथमिक परिवार और अंत्योदय राशन कार्ड धारकों के गेहूं और चावल के कोटे में परिवर्तन नहीं किया है।
इसके अंतर्गत प्रति यूनिट दो किलो चावल व तीन किलो गेहूं दिया जाता है। खाद्य सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि एनएफएसवाई राशन कार्ड धारकों को इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में निश्शुल्क दी जा रही खाद्यान्न की इतनी ही मात्रा में बदलाव किया गया है। अब तीन किलो गेहूं के स्थान पर एक किलो गेहूं और चावल दो किलो के स्थान पर बढ़ाकर चार किलो किया गया है।
खाद्य सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान के अंतर्गत राशन विक्रेताओं को राहत दी जा रही है। उन्हें सस्ता खाद्यान्न दुकानों में उपलब्ध कराया जाएगा। डोर स्टेप डिलीवरी की इस योजना को पायलट के रूप में देहरादून जिले के सहसपुर और नैनीताल जिले के रामपुर विकासखंडों में लागू किया जा रहा है। इन विकासखंडों की राशन की दुकानों को खाद्यान्न विभाग उपलब्ध कराएगा। आगामी दो माह के भीतर प्रदेश के सभी मैदानी क्षेत्रों की राशन की दुकानों को इस दायरे में लाया जाएगा। तीसरे व अंतिम चरण में प्रदेश के दूरदराज ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों की राशन की दुकानों में खाद्यान्न पहुंचाया जाएगा। खाद्यान्न पहुंचाने के लिए विभाग ठेकेदार से अनुबंध करेगा। खाद्यान्न पहुंचाने वाले वाहनों पर जीपीएस लगा रहेगा। इससे वाहनों की ट्रैकिंग की जाएगी, ताकि खाद्यान्न पहुंचाने में गड़बड़ी न हो।
खाद्य सचिव सचिन कुर्वे ने कहा कि राशन की दुकानों में बायोमीट्रिक से खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था शत-प्रतिशत लागू की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि तकनीकी कारण से कोई भी पात्र राशन कार्ड धारक खाद्यान्न से वंचित नहीं होना चाहिए। बायोमीट्रिक न होने की स्थिति में कार्डधारक का विवरण अलग से रखा जाएगा। आनलाइन राशनकार्ड नंबर के माध्यम से खाद्यान्न वितरित करने के निर्देश उन्होंने दिए।
खाद्य सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों का शत-प्रतिशत बायोमीट्रिक सत्यापन किया जाना है। इस अभियान के अंतर्गत मंगलवार तक करीब 67 प्रतिशत बायोमीट्रिक सत्यापन के बाद खाद्यान्न बांटा गया। कुछ क्षेत्रों में नेटवर्क, शेडो एरिया, अंगूठे के निशान न आने समेत विभिन्न व्यवहारिक कठिनाइयों से बायोमीट्रिक सत्यापन नहीं हो पा रहा है। इस कारण खाद्यान्न वितरण में भी दिक्कत हो रही है। राशन विक्रेताओं को किसी भी पात्र व्यक्ति को खाद्यान्न से वंचित नहीं रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
खाद्य सचिव ने बताया कि उन्होंने विभागीय मंत्री रेखा आर्या के निर्देश पर ‘अपात्र को ना, पात्र को हां’ अभियान की सचिवालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में बताया गया कि अपात्र राशनकाडरें को समर्पित करने का समय 31 मई रखा गया है। राशनकार्ड समर्पित करने और अपात्र राशनकार्डधारकों के संबंध में सूचना देने को दो टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। अभी तक इन नंबर पर 62 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन्हें संबंधित जिलों को भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि मंगलवार तक कुल 15772 राशनकार्ड और 64056 यूनिट समर्पित की गई हैं। इनमें अंत्योदय योजना के 1045 राशनकार्ड व 3854 यूनिट, प्राथमिक परिवार के 12042 कार्ड व 49764 यूनिट, राज्य खाद्य योजना के 2685 कार्ड व 10434 यूनिट समर्पित हो चुकी हैं। सचिव ने कहा कि अभियान के अंतर्गत जिस गांव का राशनकार्ड समर्पित हुआ है, नया राशनकार्ड वहीं से अथवा पड़ोसी गांव से प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाएगा। बैठक में अपर आयुक्त पीएस पांगती, संयुक्त आयुक्त डा एमएस विसेन, उपायुक्त निधि रावत व अनुसचिव राजेश कुमार उपस्थित थे।