फोटो: सोशल मीडिया
16/17 जून 2013 की केदारनाथ आपदा शायद ही कोई भूला हो। इस आपदा में मारे गए लोगों के कंकालों की एक बार फिर खोजबीन शुरू हो गई है।
आपको बता दें, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग समेत क्षेत्र के अन्य ट्रैकिंग रूट पर कल यानी बुधवाकर से चार दिवसीय सघन खोजबीन अभियान चलाया जा रहा है। ये अभियान पुलिस अधीक्षण के नेतृत्व में चलाया जाएगा। जिसके लिए दस टीमें गठित की गई हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक टीम में स्थानीय लोगों को भी शामिल किए गए हैं। इन कंकालों को ढूंढने के पीछे का एक कारण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना भी है। आपको बता दें, 16/17 जून 2013 की केदारनाथ आपदा में हजारों लोग मारे गए थे। एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक रेस्क्यू दलों द्वारा चार हजार से अधिक शव बरामद किए गए थे, लेकिन कई लोगों का पता नहीं चल पाया है। नर कंकालों की खोजबीन के लिए बीते छह वर्षों में शासन द्वारा कई सर्च अभियान चलाए जा चुके हैं, जिसमें 600 से अधिक कंकाल मिले थे।
अब एक बार फिर ऐसा भी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक एसपी के नेतृत्व में टीमों द्वारा केदारनाथ-वासुकीताल, केदारनाथ-चोराबाड़ी, त्रियुगीनारायण-गरूड़चट्टी-केदारनाथ, कालीमठ-चौमासी-खाम-केदारनाथ, जंगलचट्टी व रामाबाड़ा का ऊपरी क्षेत्र केदारनाथ बेस कैंप का ऊपरी क्षेत्र समेत मंदिर के आसपास के क्षेत्र, भैरवनाथ मंदिर व आसपास का क्षेत्र, गौरीकुंड-गोऊंमुखड़ा, गौरीकुंड से मुनकटिया का ऊपरी क्षेत्र होते हुए सोनप्रयाग पर सर्च अभियान चलाते हुए नर कंकालों की खोजबीन की जाएगी।
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