उत्तराखंड के रामनगर में G-20 समिट को लेकर SFJ ने दी धमकी, जारी किया गया अलर्ट
उत्तराखंड के रामनगर में मंगलवार से शुरू होने वाले जी-20 समिट के लिए जहां एक तरफ प्रशासन जोर शोर से तैयारियों को अन्तिम रूप दे रहा है।
वहीं प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा धमकी देने के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने रामनगर में होने वाली जी20 बैठक को लेकर मीडिया और सरकारी कर्मियों को धमकी दी है। इस प्रकार के फोन कॉल मीडिया कर्मियों और कर्मचारियों को आए हैं। पुलिस अलर्ट हो गई है।
इतना ही नहीं, खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू ने कॉल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी धमकी दे रहा है। उसने कहा है कि यदि उत्तराखंड में उनके संगठनों के लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए तो इसके लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री होंगे। रात तक यह मामला डीजीपी अशोक कुमार के संज्ञान में भी आ गया। उन्होंने इसकी तत्काल एसटीएफ से जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। एसटीएफ ने इन तमाम नंबरों को ट्रेस करना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि, एसएफजे मुखिया पन्नू की रिकॉर्डेड आवाज में इस तरह के धमकी वाली कॉल रविवार शाम को सैकड़ों नंबरों पर आई। इसमें पन्नू ने रामनगर को खालिस्तान का हिस्सा बताते हुए बैठक के दौरान वहां धमकी दी थी। खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाने की बात कही है।
यह कॉल कई नंबरों से की गई है। एसएफजे के मुखिया पन्नू की रिकॉर्डेड आवाज वाली कॉल की जांच शुरू कर दी गई है। इसमें पन्नू धमकी भरे अंदाज में कह रहा है कि, रामनगर भारत का हिस्सा नहीं बल्कि खालिस्तान है। सिख फॉर जस्टिस रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट समेत बैठक के दौरान वहां खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाएगा। इससे पहले पन्नू ने बीते 15 मार्च को अमृतसर में हुए जी-20 सम्मेलन को लेकर भी इसी तरह की कॉल आई थी।
आपको बता दें कि, यह पहला मामला नहीं है जब पन्नू के इस तरह के मैसेज वायरल हुए हों। पहले भी कई बार इस तरह से लोगों के पास कॉल आती रही हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उत्तराखंड में सिख फॉर जस्टिस संगठन का कोई आधार नहीं है। यहां पर उसके समर्थक भी पुलिस की नजर में नहीं आए हैं।
पन्नू अमेरिका में रहता है और न्यूयॉर्क में वकालत करता है। उसे सिख फॉर जस्टिस का चेहरा माना जाता है। पन्नू कई सारी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। पन्नू ने दो साल पहले रेफरेंडम 2020” आयोजित करने की कोशिश की थी, जिसमें उसने दुनियाभर के सिखों खालिस्तान के समर्थन में वोट देने की अपील की थी। वह युवाओं को खालिस्तान के लिए भड़काता रहा है। जुलाई 2020 में पन्नू को यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नू ने एक बार भारतीय छात्रों को खालिस्तानी झंडा उठाने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने को कहा था और इसके बदले में उन्हें आईफोन 12 मिनी देने का वादा किया था।