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उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा से चालबाज चीन पर नजर! वायुसेना की आपातकाल के लिए रात्रि अभ्यास

भारत-चीन सीमा से सटे सीमांत जिले उत्तरकाशी में बना चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस हवाई अड्डे पर वायुसेना रात के समय अभ्यास करेगी।

इसके लिए हेलीकॉप्टर के जरिए हवाई अड्डे पर नाइट सिग्नल लाइटें उतारी गईं। बताया गया है कि वायुसेना का रात्रि अभ्यास शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक चलेगा। चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे को वायु सेना अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने की कवायद में जुटी है। यहां बहुउद्देशीय विमान एएन 32 सहित चिनूक, अपाचे, डोनियर, एमआई 17, हरक्यूलिस की सफलतापूर्वक लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास किया जा चुका है। इस हवाई अड्डे पर रात्रि में विमान उतरने की सुविधा नहीं थी। अब वायुसेना ने यहां आपातकाल के लिए रात्रि अभ्यास की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

वायुसेना का हेलीकॉप्टर बरेली एयरबेस से गौचर और फिर चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहुंचा है, जिनसे यहां नाइट सिग्नल लाइटें उतारी गईं। इनकी मदद से अब वायु सेना यहां रात्रि अभ्यास करेगी। हवाई अड्डे पर यूपी निर्माण निगम के इंजीनियर घनश्याम सिंह ने वायुसेना की कवायद की पुष्टि की है।

चीन सीमा की वजह से अतिमहत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की योजना फिलहाल बजट के अभाव में लटकी हुई है। यह हवाई अड्डा 1992-93 में बना था। 2013-14 में उत्तराखंड सरकार ने इसके विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की थी। 46 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए गए थे।

इसमें से 40 करोड़ रुपये से यूपी निर्माण निगम ने रनवे की लंबाई 1165 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर बढ़ाई। इसके साथ एटीसी टावर, टर्मिनल भवन, बिजली घर का भी निर्माण हुआ। लेकिन शेष धनराशि अवमुक्त नहीं होने के कारण अन्य काम अटके हुए हैं। वायुसेना रनवे की लंबाई 150 मीटर और बढ़ाने की मांग कर रही है लेकिन इस दिशा में कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित है।

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