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उत्तराखंड: पहाड़ की सबसे बड़ी पीड़ा का कब होगा अंत? जगह नई, तस्वीर वही, ये हालत ‘जननी’ की है

उत्तराखंड के दशकों पुराने दर्द का इलाज अब तक नहीं मिला सका है। ये दर्द गर्भवती महिलाओं का है।

अक्सर पहाड़ों में इलाज ठीक से नहीं मिलने पर गर्भवती महिलाएं दम तोड़ देती हैं। एक एसी तस्वीर खटीमा से सामने आई है। अमाउं इलाके में गर्भवती महिला की झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान संदिग्ध हालत में मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने पति और झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।

उधर, खटीमा के एसडीएम ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आने के बाद कार्रवाई की बात कही है। मृतका के परिजनों ने शव का पोस्टमॉर्टम डीएम की मौजूदगी में कराए जाने की मांग पर पुलिस द्वारा इसकी सूचना उत्तराखंड का दशकों पुराने दर्द का इलाज अब तक नहीं मिला सका है। ये दर्द गर्भवती महिलाओं का है।

अक्सर पहाड़ों में इलाज ठीक से नहीं मिलने पर गर्भवती महिलाएं दम तोड़ देती है। एक एसी तस्वीर खटीमा से सामने आई है। खटीमा के एसडीएम को दी गई। सूचना पर शव का नागरिक अस्पताल में पंचनामा कर एसडीएम निर्मला बिष्ट के अस्पताल पहुंचने पर पोस्टमॉर्टम कराया गया।

बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला को उसका पति घूमाने के लिए बाहर ले गया। इसी दौरान अचानक महिला की मौत हो गई। पति ने महिला के घर वालों को बताया कि वो बीमार थी और मोहल्ले के झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला घर वालों ने पति और झोलाछाप डॉक्टर पर हत्या का आरोप लगाया है। साथ ही इस मामले की जांच की मांग की गई है।

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