फोटो: सोशल मीडिया
चमोली के थराली में अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर डॉक्टरों ने विरोध जाताया। प्रदेश चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड की अपील पर डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया।
अच्छी बात ये कि अपनी जिम्मेदारी समझते हुए डॉक्टरों ने काम नहीं रोका और मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सीएचसी थराली समेत पीएचसी नारायणबगड़, देवाल, ग्वाल्दम और तलवाड़ी में भी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध अपना विरोध जताया। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना काल में वो 24 घंटे और सातों दिन काम कर रहे हैं बावजूद इसके डॉक्टर्स का अगस्त महीने का वेतन रोकने का आदेश दिया।
विरोध कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि संजय गुप्ता लगातार कोरोना मरीजों के सैंपल ले रहे हैं, बावजूद इसके उनके निलंबन की संस्तुति जिला प्रशासन ने की है। इसके साथ ही जहां पूरे देश में कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया जा रहा है और उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जा रही है वहीं उत्तराखंड में बिना सहमति के ही डॉक्टर्स की एक दिन की सैलरी काटी जा रही है। जिससे चिकित्सकों का मनोबल टूट रह है।
डॉक्टर्स का कहना है कि इलाज के दौरान मरीज के साथ जब भी कोई घटना घटती है तो तीमारदार इसके लिए चिकितस्कों को जिम्मेदार बता देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि पहाड़ के इन अस्पतालों में सरकार संसाधन मुहैया कराए। ताकि बेहतर चिकित्सा सेवाएं मरीजों को मिल सकें। बता दें कि अपनी इन्हीं सारी मांगों को लेकर 1-7 सितंबर तक डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर काम ड्यूटी करने का फैसला किया है। संघ की मांग पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं होने पर डॉक्टर 8 सितंबर को सामूहिक रूप से अपने इस्तीफा दे देंगे।
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