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उत्तराखंड के 16 हजार BTC शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी, डर खत्म, दूर हुईं सारी चिंताएं!

उत्तराखंड में कोरोना महामारी के बीच 16 हजार से ज्यादा शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। इन शिक्षकों की नौकरी पर मंडरा रहा संकट टल गया है, प्रमोशन में आ रही अड़चनें भी दूर हो गई हैं।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने विशिष्ट बीटीसी को मान्यता दे दी है। इस फैसले के साथ ही उत्तराखंड के हजारों शिक्षकों को भी विशिष्ट बीटीसी की मान्यता के रूप में इसका फायदा मिलेगा। साथ ही इन शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो गया है। प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक पिछले 3 साल से विशिष्ट बीटीसी की मान्यता को लेकर आंदोल कर रहे थे। प्राथमिक शिक्षकों की ये मांग अब पूरी हो गई है।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने देश के करीब 26 संस्थानों को पूर्व में किए गए कोर्स के लिए मान्यता दे दी है। ऐसे में इस फैसले से राज्य के उन 16000 से ज्यादा शिक्षकों को राहत मिलेगी, जिन्हें अभी तक विशिष्ट बीटीसी की मान्यता नहीं मिल पाई थी। फैसला आते ही शिक्षकों के चेहरे खिल उठे हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी मान्यता को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का आभार जताया। इस फैसले से उत्तराखंड के कुल 16608 शिक्षक लाभान्वित होंगे।

ये है पूरा मामला:

साल 2001 से लेकर 2018 तक एससीईआरटी ने शिक्षकों को डायट से बीटीसी कोर्स करवाया था, लेकिन इसे एनसीटीई से मान्यता नहीं मिली थी। मान्यता ना मिलने के चलते शिक्षकों को हर स्तर पर परेशानी उठानी पड़ रही थी। इन शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा था, प्रमोशन में भी अड़चनें आ रही थीं। एनसीटीई के नए मानक के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक ऐसे सभी बीटीसी शिक्षक अप्रशिक्षित शिक्षक की श्रेणी में आ गए थे। नियमानुसार उनकी सेवाएं खत्म की जा सकती थीं। वहीं इनके प्रमोशन भी इससे प्रभावित हो रहे थे। अब केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा देश के 26 संस्थानों को पूर्व में किए गए कोर्स के लिए मान्यता देने पर इनकी मुश्किलें दूर हो गई हैं।

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