फोटो: सोशल मीडिया
पूरी दुनिया में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है। कोरोना पर कब और कैसे पूरी तरह से काबू पाया जाएगा ये फिलहाल कोई नहीं जानता है।
कोरोना की वजह से देश-दुनिया में कई प्रोग्राम रद्द हो रहे हैं। साल 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। सरकार ने महाकुंभ में श्रद्दालुओं की तादाद कम करने के लिए ई-पास की व्यवस्था की है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। साधु-संतों का कहना है कि महाकुंभ का मेला ठीक तरीके से संपन्न हो जाए इसके लिए वो सरकार के हर फैसले के साथ खड़े हैं। आपको बता दें कि अगले साल होने वाले महाकुंभ में वही श्रद्धालु जा सकेगा जिसे सरकार की तरफ से पार जारी होगा।
हालांकि सरकार के इस फैसले का वहां के व्यापारियों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि इस फैसले से उनके धंधे पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा। व्यपारियों के अलावा महाकुंभ में प्रमुख भागीदारी निभाने वाली और हर की पैड़ी की व्यवस्था देखने वाली श्री गंगा सभा के पदाधिकिरियों ने सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार विमर्श करने का अनुरोध किया है। सभा के पदाधिकारियों का मानना है कि सरकार के इस फैसले से महाकुंभ सिर्फ नाम का ही होगा। जबकि उनका इरादा इसे दिव्य बनाने का था। जिसकी तैयारियां भी युद्ध स्तर पर चल रही है।
आपको बता दें कि सरकार ने दो साल पहले ही 2021 में होने वाले महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये तक के बजट का इंतेजाम करने का ऐलान किया गया था।
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