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उत्तराखंड: अल्मोड़ा के युवाओं ने पेश की मिसाल, सरकार और प्रशासन जो सालों में नहीं कर सकी वो इन्होंने लॉकडाउन में करके दिखा दिया

कहते हैं अगर मन में ठान लो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता। अल्मोड़ा के हवलबाग ब्लॉक के गुरना गांव के लोगों ने एक नाममुकिन से काम को महज कुछ दिनों में अपनी लगन और मेहनत से मुमकिन करके दिखाया है।

यहां ग्रामीणों ने लॉकडाउन के दौरान करीब 2 किलोमीटर सड़क बनाने की ठान ली है। अब तक आधा किलोमीटर की कच्ची सड़क बना भी दी है। दरअसल यहां प्रशासन ने कई साल पहले 6 किलोमीटर सड़क निर्माण की तैयारी तो की, लेकिन वो आज तक बन नहीं पाई। गांव वालों ने कई बार सड़क बनाने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लॉकडाउन के दौरान जब बड़ी तादाद में प्रवासी अपने घर पहुंचे तो लोगों ने आपस में ही मिलकर कम से कम 2 किलोमीटर सड़क बनाने की बीड़ा उठाया। सभी ने इसमें योगदान दिया और करीब आधा किलोमीटर लंबी कच्ची सड़क अब तक बना डाली।

कमाल की बात ये है कि जिन लोगों ने सड़क बनाने का बीड़ा उठाया, उसमें कोई इंजीनियर है, तो कोई कारोबारी और कोई प्रवासी मजदूर। गांववालों का कहना है कि काम की तलाश में बड़ी तादाद में युवा बाहर चले गए थे। अब जब सभी घर लौटे हैं तो उन्होंने मिलकर रोड बनाने की ठान ली है। ग्रामीणों का कहना है कि रोड नहीं बनने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत किसी बीमार को अस्पताल ले जाने में होती है। गांव के युवाओं के इस जज्ते बो हवलबाग ब्लॉक प्रमुख बबिता भाकुनी ने भी काफी सराहा है।

(अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट)

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