उत्तराखंड: जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान को केंद्र सरकार ने बड़े काम के लिए चुना
अल्मोड़ा के जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान को भारत सरकार ने मांडल के रूप में चुना है।
इसमें संस्थान देश के 12 राज्यों के 12 जनपदों में जल स्रोतों का संरक्षक करेगा। जिससे हर व्यक्ति को पानी देने में कारगर साबित होगा। संस्थान द्वारा भारत के मणिपुर में चंडल, मिजोरम के ममित, असम केडीमहासओ, हिमांचल के चम्बा, नागलैंड के किफिरे, सिक्किम के वेस्ट सिक्किम, उत्तराखंड के चंपावत, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, अरुणाचल प्रदेश के नामसे, तिरपुरा के दलाई, मेघालय के रिभोई को चुना गया है।
भारत सरकार द्वारा हर व्यक्ति को पानी के लिए देश के अनेक सस्थानों से मॉडल मागें गए, जिसमें अल्मोड़ा के जीबी पंत सस्थान के मॉडल को चुना गया है, जिसके तहत देश के 12 हिमालयी राज्यों के 12 जनपदों में इस मॉडल का प्रयोग किया जाएगा। इसमें गांवों के जल स्रोतों का संरक्षण किया जाएगा, जो गांवों के पानी की पूर्ति कर पाएगा।
सस्थान के वरिष्ठ बैज्ञानिक किरीट कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सस्थान के मॉडल को चुना गया है, जिसमें जल स्रोतों का संरक्षण कर उनका ट्रीटमेंट किया जाएगा, जिसमें सस्थान द्वारा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इसमी तीन वर्ष का समय लगेगा।
(अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट)