चमोली के जंगलों में आए दिन आग लगने की घटना सामने आती रहती है। बदरीनाथ के जंगलों में अबतक आग लगने की 61 घटनाएं हो चुकी हैं।
जिसकी वजह से अब तक 47.25 हेक्टेयर जंगल का इलाका जलकर राख हो गया है। वहीं, केदारनाथ वन प्रभाग में भी आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जंगलों में आग ना लगे और अगर लगे तो उस पर जल्द काबू पाने के लिए विभाग की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं। बावजूद इसके आग लगने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। चमोली में वनों के सरंक्षण और संवर्द्धन की मंशा से वन क्षेत्रों को बदरीनाथ, केदारनाथ वन प्रभाग, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और अलकनंदा भूमि संरक्षण विभाग में बांटा गया है। बावजूद इसके चमोली जिला मुख्यालय से लगे चोपता के वन क्षेत्र दो दिनों से वानाग्नि से सुलग रहे हैं।
बदरीनाथ के जंगलों में भी वनाग्नि की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। जंगलों में बार-बार आग लगने की घटना को रोकने के लिए वन विभाग की तरफ से जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकन हर कोशिश आग की घटनाएं कम करने में नाकाफी साबित हो रही हैं।
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