उत्तराखंड: खराब काम करने पर चीफ इंजीनियर की अब खैर नहीं, शासन ने लिया बड़ा फैसला
भ्रष्टाचार क्वाली काम को लेकर उत्तर प्रदेश शासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब काम की क्वालिटी में गड़बड़ी होने पर उस काम को करा रहे ठेकेदार के साथ ही अफसरों से भी वसूली की जाएगी।
अभी तक होता था की काम की क्वालिटी खराब होने पर सिर्फ ठेकेदारों पर ही गाज गिरती थी। अब नई व्यवस्था के तहत लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक को नुकसान की भरपाई अपनी जेब से करनी पड़ेगी।
शासन ने ये भी फैसला किया है कि काम के दौरान गलती होने पर भी ठेकेदार के साथ अधिकारियों से भी वसूली की जाएगी। इसकी फायदा ये होगा कि अब कोर्ट कचहरियों के मामलों से भी निजात मिलेगी और अधिकारी भी लापरवाही नहीं करेंगे। नई व्यवस्था के मुताबिक भंडार में गबन या नुकसान पर जूनियर इंजीनियर से 60 प्रतिशत, असिस्टेंट इंजीनियर से 25 प्रतिशत और एक्सक्यूटिव इंजीनियर 15 फीसदी रकम की वसूली की जाएगी। अगर अगर स्टोर कीपर इंचार्ज है तो इस केस में स्टोर कीपर से 35 प्रतिशत, जूनियर इंजीनियर 25 प्रतिशत, असिस्टेंट इंजीनियर से 25 प्रतिशत और एक्सक्यूटिव इंजीनियर से 15 प्रतिशत की वसूली की जाएगी।
अगर कुटाई के काम में कुल सरकारी नुकसान की 75 प्रतिशत जूनियर इंजीनियर और 25 प्रतिशत असिस्टेंट इंजीनियर से वसूली की जाएगी। वहीं अगर किसी निर्माणी की डिजाइन गलत होती है तो इसकी 50 फीसदी भरपाई चीफ इंजीनियर की होगी क्योंकि इसकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देता है।