उत्तराखंड: BJP से हुए बाहर, कांग्रेस में शमिल करने पर बवाल, हरक सिंह पर ये स्टोरी जरा हटकर है!
उत्तराखंड बीजेपी से निष्कासित नेता हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल किए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं में फूट पड़ गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ में शामिल होने के लिए शर्त रखी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने हरक सिंह से बीजेपी में जाने के लिए माफी की मांग की है। हरक सिंह ने उस समय पार्टी छोड़ दी थी, जब रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस पहाड़ी राज्य में सत्ता में थी।
इस बीच, कांग्रेस के एक अन्य नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक, प्रीतम सिंह ने इस मुद्दे को पार्टी नेतृत्व पर छोड़ दिया है। प्रीतम सिंह ने कहा, “राजनीति में दरवाजे कभी बंद नहीं होते और दूसरों तक पहुंचने की संभावना हमेशा बनी रहती है।”
उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव हारने वाली है और कांग्रेस को फायदा होने वाला है। हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह हम सभी को स्वीकार्य होगी।”
हालांकि कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने रविवार को हरक सिंह रावत को बर्खास्त कर दिया था। अनुशासनहीनता के आरोप में बीजेपी ने भी उन्हें 6 साल के लिए से निष्कासित कर दिया है। इस बीच हरक सिंह ने खुलकर कहा है कि वह कांग्रेस के लिए काम करेंगे, पार्टी के साथ बातचीत जारी है और वह दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हवा कांग्रेस के पक्ष में बह रही है और मैं पार्टी के लिए काम करूंगा। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, क्योंकि नामांकन की आखिरी तारीख ज्यादा दूर नहीं है। रावत 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उनका कहना है कि उस समय की परिस्थितियां अलग थीं। वह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अपना बड़ा भाई मानते हैं।
खबरों के मुताबिक, हरीश रावत मगर हरक सिंह के नेतृत्व वाले गुट के विद्रोह को नहीं भूले हैं। खबरों में कहा गया है कि हरक सिंह विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी समेत अपने परिवार के तीन सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे थे, जो संभव नहीं था।