देश में जारी कोरोना लॉकडाउन के चलते जो प्रवासी उत्तराखंड लौटे हैं, उन्हें कैसे प्रदेश में ही रोक लिया जाए इसे लेकर सरकार लगातार कदम उठा रही है।
राज्य सरकार की ये कोशिश है कि स्वरोजगार के तहत प्रवासियों को राज्य मुहैया कराई जाए ताकि वो कोरोना महामारी के बाद दूसरे राज्यों का रुख ना करें। सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्घ कराएगी। साथ ही 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने का सरकार ने फैसला लिया है। इसके तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना और गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशुओं को खरीदने पर 25 फीसदी अनुदान और शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्घ कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पशुपालन से ग्रामीणों की आजीविका में सुधार लाया जा सकता है।
जानें किसे मिलेगा योजना का फायदा?
महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने की योजना:
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