फोटो: सोशल मीडिया
हरिद्वार के हरकी पैड़ी में तीर्थ-पुरोहित अपनी मांगों को लेकर हनुमान मंदिर के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।
तीर्थ-पुरोहित हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा की अविरल धारा को स्केप चैनल घोषित करने वाले शासनादेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि स्केप चैनल घोषित करने वाले शासनादेश को फिलहाल सरकार रद्द करें। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि यह शासनादेश आस्था के साथ खिलवाड़ है। जिसे तीर्थ-पुरोहितों की तरफ से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहित सौरव सिकोला के मुताबिक कांग्रेस की हरीश रावत सरकार ने गंगा को स्केप चैनल घोषित करने के लिए एक आदेश जारी किया था। उस वक्त भी हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित ने इसका विरोध किया था। इसके बाद बीजेपी जब सत्ता में आई तब उम्मीद जगी कि हरीश रावत सरकार की गलती को त्रिवेंद्र रावत की सरकार सुधारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार के तीन साल बीत जाने के बाद भी स्केप चैनल के शासनादेश को कैंसल नहीं किया है।
इस मामले को लेकर इस साल 16 जून को हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि तत्कालीन उत्तराखंड सरकार ने 16 दिसंबर 2016 को एक आदेश जारी कर गंगा की धारा को स्केप चैनल घोषित कर दिया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से जवाब भी मांगा था, कि वे ये बताए कि ये गंगा की निर्मल धारा है या स्केप चैनल?
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