भगवान राम का ‘वनवास’ खत्म हो गया है। राम की नगरी अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। 5 अगस्त को पीएम मोदी भी यहां पूजा में शामिल होंगे।
इसके बाद राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। कोरोना की वजह से बहुत कम लोगों को ही इस कार्यक्रम के लिए न्योता दिया गया है। जिसमें ज्यादातर साधु-संत हैं। श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के लिए धर्मनगरी हरिद्वार से संतों का अयोध्या कूच शुरू हो गया है। सोमवार को राम मंदिर न्यास के सदस्य परमानंद महाराज के बाद निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज मंदिर की मिट्टी और गंगाजल लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। रवाना होने रसे पहले महंत रवींद्र पुरी ने मंदिर के लिए हुए आंदलोनों का सबसे ज्यादा श्रेय अशोक सिंघल को देते हुए कहा कि इस कदम से आज उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।
जो संत भूमिपूजन में शामिल होने के लिए अयोध्या गए हैं वो अपने साथ हरिद्वार की अधिष्ठात्री मायादेवी की मिट्टी भी ले गए हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि ने अखाड़े के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि और दूसरे संतों के साथ माया देवी मंदिर की मिट्टी इकट्ठा की। इसके साथ ही वो अपे साथ गंगाजल भी लेकर गए हैं। इससे पहले श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य और अखंड परम धाम आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी परमानंद महाराज सरस्वती प्रदेश के चारों धामों की मिट्टी, गंगाजल और कैलाश पर्वत से लाए गए कंक्कड़ को लेकर रविवार को हरिद्वार से अयोध्या के लिए रवाना हो गए।
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