उत्तराखंड: चिकित्सा विभाग ने कसी कमर, ताकि डेंगू के ‘डंक’ से आप रहें महफूज, जिला अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश
उत्तराखंड में कोरोना संकट के बीच डेंगू से निपटा ने एक बड़ी चुनौती होगी। इस चुनौती से निपटने के ले लिए सरकार ने कम कस ली है।
राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने डेंगू की रोकथाम को लेकर जिला अधिकारियों, विभाग के अध्यक्षों और नगर आयुक्तों को जरूरी निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अपने निर्देश में कहा कि यह सुनिश्चत किया जाए की क्वारंटाइन सेंटर्स और कोरोना केयर सेंटर के पास जलजमाव न हो। इसके साथ ही उन्होंने डेंगू से बचाव के लिए जन-जागरूकता पर खास ध्यान देने की बात कही है। साथ ही उन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं में डेंगू से बचाव को लेकर जानकारी देने की बात कही है।
चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव ने अपने निर्देश में ये भी कहा कि जिला चिकित्सालयों और अन्य चिकित्सा इकाईयों में भी पानी जमा न होने पाए। जलभराव की परेशानी को दूर करने के लिए पीआरडी के कार्मिकों और स्वयंसेवकों की तैनाती की जा सकती है। जिन जगहों पर पानी की निकासी नहीं हो पा रही है, वहां समस्या का हल समय से पहले निकाल लिया जाए।
निर्देश में स्वास्थ्य विभाग के साथ दूसरे विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य और शहरी विकास, सूचना, जनसंपर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि में अंतरविभागीय समन्वय बनाने की बात कही गई है। सभी जिला अधिकारि को डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे कामों की नियमित रूप से समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
डेंगू की रोकथाम के लिए ब्लॉकवार, माइक्रो प्लान बनाकर कार्यवाही करने के लिए कहा गया है। जिला अस्पतालों में भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, जरूरी कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त पर्याप्त बेड की उपलब्धता, स्टेंडर्ड केस मैनेजमेंट आदि सुनिश्चित किया जाए और डेंगू आइसोलेशन वॉर्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाए।
चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश में कहा कि डेंगू के गंभीर मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। डेंगू जांच केंद्रों पर समय से सामान सामान जैसे एलाइजा जांच किट और अन्य जांच सामग्री की उपलब्ध कराने की बात कही गई है। डेंगू मरीजों की शुरुआती चरण में पहचान के लिए फीवर सर्वे किए जाएं। लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाए। डेंगू मरीजों पाए जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से स्पेस और फोकल स्प्रे कराने के साथ जनपदीय आरआरटी क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलांस और लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां कराए जाने को कहा गया है।
सचिव अमित सिंह नेगी ने सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों और नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को नगर क्षेत्रों में जन सहयोग से डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाए जाने को कहा गया ताकि डेंगू के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। सभी पार्षदों के सहयोग से लोगों को जागरूक किया जाए और साफ-सफाई की मॉनीटरिंग की जाए। निगम और नगर पंचायतों में ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए, जहां मच्छर पनपने का खतरा बना रहता है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ परिसीमांत उप नगरीय क्षेत्रों में डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों जैसे सोर्स रिडक्शन फॉगिंग आदि कार्य सुनिश्चित किए जाने को कहा गया है।