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उत्तराखंड: नाले में मलबे के साथ बहे विधायक धामी, आपदा पीड़ितों से मिलकर लौट रहे थे, मचा हड़कंप!

उत्तराखंड के धारचूला के विधायक हरीश धामी की जान बाल-बाल बच गई है। धामी पिथौरागढ़ के मोरी गांव में आपदा पीड़ितों की समस्याएं सुनकर लौट रही थे उसी दौरान उनके साथ हादसा हो गया।

गांववालों से मिलकर कर लौट रहे विधायक हरीश धामी चिमड़ियागाड़ नाले में अचानक मलबे के साथ बहने लगे। मलबे का बहाव इतना तेज था कि वह 10 मीटर तक बहकर आगे निकल गए। इस दौरान उनके साथ मौजूद कार्यकर्ता उनके पीछे भागे और उन्हें नाले से निकाला। बताया जा रहा है कि विधायक धामी के मुंह, नाक और कानों में मलबा चला गया। नाले में बहने के दौरान बोल्डरों की चपेट में आने से उन्हें चोटें भी आई हैं। विधायक धामी को नाले से निकालने के बाद कार्यकर्ताओं डॉक्टर को बुलाया और उन्हें प्राथमिक चिकत्सा दी गई।

विधायक हरीश धामी टांगा गांव में आई आपदा के बाद से लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। प्रभावित इलाकों में जाकर वो लोगों से मिलकर उनका हाल जान रहे हैं। 19 जुलाई की रात को बंगापानी तहसील के मेतली, बगीचागांव, लुम्ती, जारा जिबली और मोरी गांवों में बारिश से कहर बरपाया था। इसके बाद 29 जुलाई को भी मोरी गांव में भारी बारिश के बाद हालात बिगड़ गए थे। 

इस इलाके में सेना और एसडीआरएफ की टीमें बुलाई गई थीं, जिन्होंने राहत और बचाव का काम किया था। बताया जा रहा है कि नदियों में पुल और संपर्क मार्गों के बह जाने से गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक अब तक नहीं ले जाया जा सका है।  बताया जा रहा हैक  मेतली, बगीचाबगड़, मोरी और जारा जिबली गांवों के घरों में मलबा घुसा है। ऐसे में गांव के लोग अपने बच्चों के साथ खेतों में रात गुजारने को मजबूर हैं।

कमोबेश यही हाल मुनस्यारी तहसील के जोशा और धापा गांवों का भी है। यहां के 60 से ज्यादा परिवार जंगल और खेतों में बने टेट में रहने को मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि गांव से बाहर निकलने का रास्ता नहीं है। अब तक यहां राहत नहीं पहुंची है। ज्यादा बारिश होने पर ग्रामीण खेतों में चले जाते हैं।

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