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अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देवभूमि का डंका, उत्तराखंड के 83 साल के किसान पर बनी फिल्म ऑस्‍कर के लिए भेजी गई

उत्तराखंड के मेहनतकश लोगों की देश समेत पूरी दुनिया में एक अलग पहचान है। कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुडा के रहने वाले 83 साल के विद्यादत्त शर्मा पर बनी फिल्म की आज पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।

विद्यादत्त शर्मा पर बनी लघु डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘मोतीबाग’ को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भारत से चयनित किया गया है। फिल्म का प्रदर्शन ऑस्कर समारोह में अमेरिका के लांस एंजेलिस में किया जाएगा। ये फिल्म पलायन पर बनी है। फिल्म विद्यादत्त शर्मा की जीवनशैली पर बनाई गई है। फिल्म में दर्शाया गया है कि किस तरह से 83 साल के बुजुर्गों विद्यादत्त शर्मा ने पहाड़ की कठिन परिस्थितियों में अपनी मेहनत से ‘मोतीबाग’ को हरा भरा रखा है।

एक घंटे की फिल्म में किसान विद्यादत्त शर्मा के जीवन को दर्शाया गया है। विद्यादत्त शर्मा ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद खेती की शुरूआत की थी। उन्होंने अपने बगीचे मोतीबाग में बारिश के जल को रोकने के लिए सुखदेई जलाशय बनाया। 83 साल की उम्र में विद्यादत्त ने 22 किलो 750 ग्राम की गोल मूली को जैविक खेती के जरिए अपने खेत में उगाने का कारनामा किया।

राष्ट्रीय मंच पर पहला स्थान मिलने बाद इस फिल्म को अब अंतरराष्ट्रीय मंच मिल गया है। पहाड़ और पलायान पर आधारित इस लघु फिल्म को इससे पहले केरल में हुए अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी सम्मानित किया गया था। और अब ये फिल्म अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी छटा बिखेरने जा रही है। न्यूज़ नुक्कड़ की ओर से इस फिल्म को ढेर सारी शुभकामनाएं।

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