रुद्रप्रयाग के गौंडार गांव को रोड से जोडने का रास्ता साफ हो गया है। वन और पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से रोड को वन भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है।
आजादी के 73 साल भी बाद भी देश के कई गांव और सीमांत इलाके बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। कई सीमांत इलाकों में रोड तक नहीं है। उन्हीं में से एक सीमांत इलाका उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में है। जिले के गौंडार गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंची है। हालांकि अब प्रशासन इस गांव को रोड से जोडने की तैयारी कर रहा है। वन और पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से रोड को वन भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। रोड से जुड़ने से गौंडार गांव के साथ ही द्वितीय केदार मदमेश्वर की यात्रा भी आसान हो जाएगी।
साल 2005-06 में पांच किलोमीटर तलसारी तोक-गौंडार तक पांच रोड की इजाजत मिली थी, लेकिन इसके बाद लंबे समय तक राष्ट्रीय वन्यजीव सलाहकार परिषद की स्वीकृति नहीं मिलने से पेच फंसा रहा। डेढ़ दशक बाद अब गांव तक सड़क बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
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