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उत्तराखंड के वो पांच पर्यटन स्थल जो कभी गुलजार थे, कोरोना ने उन्हें वीरान कर दिया!

कोरोना काल में देश को हर मोर्चे पर नुकसान उठाना पड़ा है। पर्यटन पर भी कोरोना का बुरा असर पड़ा है। भले से अब देशभर में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है और ज्यादातर सर्विसेज़ को चालू कर दिया है। बावजूद इसके लोग कोरोना वायरस के डर से बाहर नहीं निकल रहे जिसकी वजह पर्यटन उद्योग अब तक चालू नहीं हो पाया है। आपको उत्तराखंड के वो पांच पर्यटन स्थल तस्वीरें दिखाते हैं, जो कभी गुलजार थे, लेकन वीरान हो गए हैं।

हरकी पौड़ी में हमेशा घूमने आने वाले लोगों का ताता लगा रहता था। अब कोरोना की वजह से तीर्थयात्रियों की आवाजाही बंद कर गई थी। इस बार कांवड़ यात्रा और सोमवती अमावस्या के दौरान श्रद्धालुओं को स्नान करने की भी इजाजत नहीं मिली। एक वक्त यहां हजारों लोग रोज आते थे, अब बहुत मुश्किल से कुछ लोग आ पाते हैं।

कोरोना का असर टिहरी झील पर भी पड़ा है। 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली टिहरी झील में 17 मार्च 2020 से बोटों का संचालन बंद है। इस दौरान 12 जुलाई को सिर्फ एक दिन के लिए झील में बोटों का संचालन हुआ था। झील में 99 बोटों का संचालन होता है। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं और कई तरह के वाटर स्पोर्टस का भी पर्यटक लुत्फ उठाते थे। बोटों का संचालन नहीं होने की वजह से पर्यटक टिहरी झील की तरफ रूख नहीं कर रहे है।

चमोली में तो पूरे साल ही टूरिस्ट की चहलकदमी रहती है। यहां पर्यटन स्थल औली कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही वीरान पड़ी हुई है। अनलॉक के बावजूद सिर्फ कुछ पर्यटक ही सैर-सपाटे के लिए यहां पहुंच रहे हैं। हर साल बर्फबारी के बाद से ही पर्यटक यहां आना शुरू कर देते थे।

रुद्रप्रयाग जिले के प्रसिद्ध लार्ड कर्जन रोड ट्रैक भी पर्यटकों की राह ताक रहा है। यहां बुग्याल में अलग-अलग प्रजाति के फूल अपनी खुशबू बिखेर रहे हैं। लेकिन इनकी खुशबू लेने के लिए यहां कोई नहीं आ रहा है। यहां फैले मखमली बुग्याल और खूबसूरत मौसम का आनंद लेने हर दिन हजारों पर्यटक पहुंचते थे। 

योगनगरी ऋषिकेश में भी कोरोना को बुरा असर पड़ा है। ना के बराबर श्रद्दालु ही यहां फिलहाल आते हैं। अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है। यहां मुनी की रेती, लक्ष्मण झूला, राम झूला, मरीन ड्राइव में हमेशा ही भीड़ रहती थी। लेकिन अब पर्यटक तो दूर यहां आम लोग भी बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। 

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