उत्तराखंड की महिलाओं को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने बड़ी सौगात दी है। प्रदेश में अब महिलाओं का भी अपने पति के साथ जमीन पर मालिकाना हक होगा।
इस जमीन पर महिलाएं लोन लेकर कोई भी स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं। उत्तराखंड सरकार भूमि संबंधी कानून में यह व्यवस्था करेगी। सीएम रावत ने सोमवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में भूमि बन्दोबस्त लंबे वक्त से नहीं हुआ है। भूमि बंदोबस्त की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सीएम ने ऐलान अपने गांव खैरासैंण, सतपुली में राजकीय महाविद्यालय खैरासैंण का भूमि पूजन और शिलान्यास के दौरान किया।
सीएम ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में ज्यादातर काम महिलाएं ही करती हैं। ऐसे में जमीन पर लोन की सुविधा मिलने से उन्हें किसी भी तरह काम शुरू करने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रदेस में 1960 के बाद भूमि बंदोबस्त नहीं हुआ है। इससे भी कई दिक्कतें पेश आ रही हैं। बंदोबस्त से ये साफ हो जाएगा कि कौन कहां पर काबिज है और किसके पास कितनी जमीन है। इसके साथ ही सीएम ने राज्य में भूमि बंदोबस्त के बाद पूर्ण चकबंदी लागू करने के भी संकेत दिये।
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