क्या हरिद्वार महाकुंभ में होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, सेना का होगा इस्तेमाल? हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, जानें क्या हुआ

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अगले साल हरिद्वार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य करने के मामले में सरकार से जवाब मांगा है।

इसके साथ ही कोर्ट ने महाकुंभ से जुड़े विकास कार्यों में सेना के इस्तेमाल के सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की युगलपीठ में कोरोना महामारी से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई हुई। सरकार की ओर से कहा गया कि महाकुंभ को लेकर अभी अधिसूचना जारी नहीं की गई है। हालांकि, महाकुंभ को लेकर ढांचागत सुविधाओं का विकास तेजी से हो रहा है। सरकार की ओर से अदालत में एक एक्शन प्लान पेश किया गया।

सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोरोना महामारी को लेकर सरकार महाकुंभ के परिपेक्ष्य में सतर्क है और महामारी की रोकथाम के लिये सरकार विभिन्न एहतियाती कदम उठा रही है। इनमें मास्क और सोशल डिस्टेशिंग महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की ओर से महाकुंभ में सुरक्षा को लेकर भी कोर्ट को भरोसा दिलाया गया और कहा गया कि सरकार की ओर से महाकुंभ में सुरक्षा और संम्पूर्ण व्यवस्था को संभालने के लिये 7000 जवानों की तैनाती किये जाने की योजना है।

यही नहीं सरकार की ओर से आगे कहा गया कि महाकुंभ को लेकर सभी प्रकार के कार्य और ढांचागत सुविधाओं का विकास 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। महाकुंभ शुरू होने से पहले सरकार अधिसूचना जारी करेगी और अधिसूचना जारी होने के साथ ही महाकुंभ की सम्पूर्ण जिम्मेदारी मेलाधिकारी के हाथों में आ जाती है।

इस दौरान अदालत ने सरकार से पूछा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को कैसे नियंत्रित करेगी और खासकर हरि के पैड़ी पर श्रद्धालुओं के लिए क्या इंतजाम किये जाने प्रस्तावित हैं। सरकार सामाजिक दूरी के नियम का पालन कैसे करवाएगी। हालांकि सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इसके लिए सरकार विशेष तैयारी कर रही है।

इसी बीच केन्द्र सरकार के वकील राकेश थपलियाल की ओर से अदालत को महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिये आनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य करने की सलाह दी गई। इसके बाद अदालत ने सरकार से इस मामले में जवाब देने को कहा है। याचिकाकर्ता सचिदानंद डबराल की ओर से भी महाकुंभ में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए सेना की मदद लेने का सुझाव कोर्ट के समक्ष रखा गया, जिसे कोर्ट ने अविवेकपूर्ण मानते हुए सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही अदालत ने देहरादून व नैनीताल जनपद में पर्यटकों के लिये कोरोना जांच अनिवार्य करने के मामले में सरकार से जवाब देने को कहा है। अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी।

newsnukkad18

Recent Posts

उत्तराखंड में CAG की रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे, पढ़कर आप भी रह जाएंगे दंग!

उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान CAG की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में बड़े पैमाने…

2 months ago

उत्तर प्रदेश: उसिया गांव के सैफ़ अली ख़ां ने ज़िले का नाम किया रोशन, MBBS की FMGE परीक्षा में हासिल की सफलता

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के उसिया गांव के उत्तर मोहल्ला स्थित डॉ. महबूब ख़ां…

3 months ago

यूपी: कमसार में जगी शिक्षा की नई अलख, अब होनहार हासिल कर सकेंगे फ्री उच्च शिक्षा, ‘उम्मीद’ लगाएगा नैया पार!

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील के उसिया गांव में 'उम्मीद एजुकेशनल एंड…

3 months ago

यूपी के सहारनपुर में जनसेवा केंद्र में दिन दहाड़े लूट, सामने आया खौफनाक वीडियो, देखें

(Saharanpur Loot) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बेखौफ बदमाशों का आतंक देखने को मिला है।…

4 months ago

उत्तराखंड: सीएम धामी ने देहरादून वासियों को दी सौगात, 188 करोड़ की योजनाओं का किया लोकार्पण-शिलान्यास

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने रविवार को देहरादून में ₹188.07…

4 months ago

उत्तराखंड के रुड़की में भीषड़ सड़क हादसा, 4 लोगों की दर्दनाक मौत

Roorkee Car Accident: उत्तराखंद के रुड़की में भीषड़ सड़क हादसा हुआ है। रुड़की के मंगलौर…

5 months ago

This website uses cookies.