EXCLUSIVE इंटरव्यू: बीजेपी छोड़ने के बाद सांसद सावित्रीबाई फुले ने खोले पीएम मोदी के राज! सावित्रीबाई से खास बातचीत
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़ने वाली सांसद सावित्रीबाई फुले ने पीएम मोदी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। उत्तर प्रदेश के बहराइच से सांसद सावित्रीबाई ने पीएम मोदी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है। दलितों का चेहरा बनीं सावित्रीबाई का कहना है कि पीएम मोदी की कथनी और करनी में फर्क है। पीएम के खिलाफ हल्ला बोलते हुए सावित्रीबाई 23 दिसंबर को लखनऊ में एक बड़ी रैली करने जा रही हैं। इस रैली में वो दलितों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाएंगी। सावित्रीबाई ने बीजेपी क्यों छोड़ी और अब उनका अगला कदम क्या होगा? राम मंदिर पर उनका क्या रुख है इन सभी मुद्दों को लेकर न्यूज नुक्कड़ ने उनसे खास बातचीत की। पेश है बातचीत के अंश।
सवाल: आप ने बीजेपी क्यों छोड़ दी ?
सावित्रीबाई फुले का जवाब: 2014 में जब मैं लोकसभा चुनाव जीत कर आई तब दलितों पर अत्याचार हो रहे थे। जब मैं लोकसभा में इस मुद्दे को उठाती थी तो अनुसूचित जाति की होने की वजह से मुझे बोलने का वक्त तक नहीं दिया जाता था। हमारी बातों को दबाने की कोशिश की जाती थी। बाबा भीमराव अंबेडकर ने संविधान में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण की जो व्यवस्था की थी उसे आज तक पूरी तरह से लागू नहीं किया गया। मैं देखती हूं पीएम मोदी जो कहते हैं वो करते नहीं और जो करते हैं वो कहते नहीं। देश में बीजेपी नहीं आरएसएस की सरकार है। आरएसएस के कहने पर ही पीएम ने दलितों के आरक्षण को खत्म कर दिया। देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। जब मैंने इन मुद्दों को संसद में उठाया तो मेरी बात नहीं मानी गई। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।
सवाल: क्या आप ये कहना चाहती हैं कि बीजेपी सबका साथ, सबका विकास के नारे पर खरा नहीं उतर पाई?
सावित्रीबाई फुले का जवाब: आज आप देख ही रहे हैं कि देश में दलितों की क्या हालत है। दलित समाज के लोग आज दो जून की रोटी का भी जुगाड़ नहीं कर पाते हैं। गरीब होने की वजह से सरकार उन्हें कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराती है।
सवाल: बीजेपी इस वक्त राम मंदिर का मुद्दा जोर-शोर से उठा रही है। राम मंदिर पर आपका क्या कहना है ?
सावित्रीबाई फुले का जवाब: देश संविधान के तहत चल रहा है फिर राम मंदिर की तरफ दिमाग क्यों डाइवर्ट किया जा रहा है। योगी आदित्यराज कहते हैं कि वो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे। वो राम मंदिर मनाएंगे। मैं ये पूछना चाहती हूं कि क्या राम मंदिर से देश चलेगा? देश का रुपया मंदिर और कुंभ मेले पर खर्च किया जा रहा है। अगर ये रुपया गरीबों पर खर्च किया जाए तो गरीब तरक्की कर सकता है। मंदिर ब्रह्मण समाज के लिए एक बिजनेस है। आज देश मंदिर से नहीं संविधान से चलेगा। हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद और हिंदुस्तान-पाकिस्तान करके लोग सिर्फ सत्ता में आना चाहते हैं।
सवाल: फिलहाल आपने पार्टी छोड़ दी है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर आपका अगला रुख क्या होगा?
सावित्रीबाई फुले: दलति समाज को बराबरी का हक दिलाना मेरी प्राथमिकता है। मेरे लिए सांसद रहना या पार्टी मायने नहीं रखती। 2019 में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए मुझे जो भी करना पड़े करूंगी। बहुजत समाज के लोगों को एकजुट करेंगे और सत्ता के खिलाफ आंदोलन करेंगे।