भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा टीम के विकेटकीपर और बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को अपने दस्ताने से ‘बलिदान बैज’ के निशान को हटाना पड़ सकता है।
ICC ने महेंद्र सिंह धोनी को उनके दस्तान से ‘बलिदान बैज’ के निशान को हटाने के लिए कह दिया है। धोनी ने पैरा स्पेशल फोर्सेज को सम्मान देने के लिए ‘बलिदान बैज’ के निशान वाला दस्ताना पहन था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार को खेले गए मैच के दौरान ‘बलिदान बैज’ के निशान वाला दस्ताना उन्होंने पहन रखा था। जब धोनी ने मैच के 40वें ओवर के दौरान युजवेंद्र चहल की गेंद पर दक्षिणी अफ्रीका के बल्लेबाज एंडिले फेहलुकवायो को स्टंप्स आउट किया तभी उनके दस्ताने पर ये निशान दिखा। तभी से उनके इस निशान की चर्चा हो रही है।
धोनी के दस्ताने पर जो ‘बलिदान बैज’ का निशान है उसे हर कोई इस्तेमाल में नहीं कर सकता है। ये बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं। इस बैज को ‘बलिदान बैज’ के नाम से जाना जाता है। महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों की वजह से साल 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक मिली थी। धोनी ये सम्मान पाने वाले कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं।
ये है ‘बलिदान बैज’ :
पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास अलग बैज होते हैं, जिन्हें ‘बलिदान बैज’ कहा जाता है। इस बैज में ‘बलिदान’ शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। ये बैज चांदी की धातु से बनता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है। ये बैज सिर्फ पैरा-कमांडो ही पहनते हैं।
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