उत्तराखंड: अवैध मॉल निर्माण मामले में रुड़की से कांग्रेस विधायक बतरा को हाईकोर्ट से दूसरी बार लगा झटका
रुड़की से कांग्रेस विधायक प्रदीप बतरा और उनके अन्य सहयोगियों को अवैध रूप से बनाए गए मॉल के मामले में हाईकोर्ट से एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार शिकस्त मिली है।
कार्यावहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अवैध मॉल को तोड़ने के मामले में गुरुवार को भी उन्हें राहत नहीं दी। कांग्रेस के रुड़की के विधायक प्रदीप बतरा और उनके सहयोगियों की ओर से रूड़की के सिविल लाइंस क्षेत्र में नजूल भूमि पर तथाकथित रूप से गैर कानूनी तरीके से एक भारी भरकम बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।
जिसमें बताया जा रहा है कि मॉल का संचालन किया जा रहा है। हरिद्वार के रुड़की निवासी गौरव कुमार पुंडीर की ओर से इस मामले को वर्ष 2017 में एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई। अदालत ने गत 20 दिसंबर को महत्वपूर्ण आदेश पारित कर मॉल को दो हफ्ते के अंदर ढाहने के निर्देश जारी कर दिए थे।
अदालत की ओर से हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण को यह भी निर्देश दिया गया था कि अवैध निर्माण को 10 सितंबर, 2015 की स्थिति में लाया जाए। प्राधिकरण की ओर से कहा गया था कि सीलिंग के आदेश के बावजूद प्रतिवादियों की ओर से निर्माण कार्य किया गया और 10 सितंबर, 2015 को निर्माण पर प्रतिबंध जारी कर सीलिंग के आदेश जारी कर दिये गये थे।
अदालत ने प्राधिकरण को दो सप्ताह के अंदर प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने के भी निर्देश दिए। आज इस मामले में मोड़ आया और विधायक बतरा और उनके सहयोगियों की ओर से एक प्रार्थना पत्र देकर अदालत से अपने पुराने आदेश को संशोधित करने की मांग की गई। प्रार्थना पत्र में इसका आधार हाईकोर्ट में अवकाश होना बताया गया।
अदालत ने प्रार्थना पत्र को एक झटके में खारिज कर दिया। इसके साथ ही सरकार और प्राधिकरण को भी हिदायत दी कि आदेश का अनुपालन तय समय के अंदर नहीं होने पर संबद्ध अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। अदालत ने 7 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। बतरा और उनके सहयोगियों को एक सप्ताह के अंदर यह दूसरी बार झटका लगा है।