उत्तराखंड के इस गांव में भू-धंसाव से आई दरारें, दशहत में लोग, मदद की लगाई गुहार

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों दरारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला टिहरी में सामने आया है।

चंदला गांव के घरों में दरारे आ गई हैं। दरारे आने से लोग दहशत में हैं। गौर करने वाली बात यह है कि यह गांव घनसाली के घुत्तू भिलंग में निर्मित 29 मेगावाट की भिलंगना हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की 6 किमी लंबी की सुरंग के ऊपर बसा है। गांव वालों की प्रशासन से मांग है कि उन्हें विस्थापित किया जाए।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, गांव के ठीक नीचे से 24 मेगावाट की भिलंगना हाइड्रोपावर की जल विद्युत परियोजना की टनल गुजर रही है। गांवालों का कहना है कि इस परियोजना की वजह से भू-धंसाव हो रहा है। यही वजह है कि गांव के घरों में दरारें आ गई हैं। गांव के लोगों का आरोप है कि कई बार प्रशासन और जल विद्युत परियोजना के अधिकारियों को इस संबंध में जानकी दी गई, लेकिन कोई इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। भिलंग पट्टी के कई गांवों में दरारें आ चुकी हैं। दरारों की खबर मिलने के बाद तहसील प्रशासन और भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीम ने गांव का दौरा किया और भू-धंसाव और दरारों वाले स्थानों का निरीक्षण किया। बताया जा रहा है कि निरीक्षण के दौरान खेतों और मकानों में एक फीट से ज्यादा की दरारें सामने आई हैं। डीएम मयुर दीक्षित ने कहा कि यहां के लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनकी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से ग्रामीणों को पूरी मदद करेगा।

साल 2004 में भिलंगना हाइड्रो पावर का काम पूरा हुआ था। इसके यहां बिजली उत्पादन शुरूं हो गया था। परियोजना तो पूरी हो गई, लेकिन परियोजना की 6 किमी लंबी सुरंग के ऊपर बसे गांवों में हल्का-हल्का भू-धंसाव होने के साथ दरारें पड़नी शुरू हो गई थी। हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की सुरंग के ऊपर बसे चंदला, वीना, सिंदवाल गांव तथा जोगियाडा समेत 6 गांवों के भवनों और कृषि भूमि में भूधंसाव के साथ दरारें पड़ गई हैं। परेशानी की बात यह है कि यह दरारें धीरे धीरे चौड़ी होने लगी हैं।  

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