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गोरखपुर में दो बेटियों संग फांसी के फंदे पर लट गया पिता, वजह जानकर आपकी आंखें भी हो जाएंगी नम!

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।

शाहपुर इलाके में गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा में सामुहिक आत्महत्या से सनसनी फैल गई है। पिता ने दो बेटियों संग फंदे से लटकर जान दे दी। जैसे ही यह खबर फैली। पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। शवों को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

प्रथमिक जांच में जो बात सामने हाई है, उसने सभी के दिल को झंकझोर दिया है। जांच में यह बात सामने आई हैं कि पिता के साथ खुदकुशी करने वाली दोनों बच्चियों की पांच महीने की फीस बकाया थी।

बेटियों के साथ खुदकुशी करने वाले जितेंद्र श्रीवास्तव मूल रूप से बिहार के गुठनी थाना क्षेत्र सिवान के रहने वाले थे। घोसीपुरवा में वह 30 सालों रह रहे थे। बताया जा रहा है कि 1999 में मैरवा स्टेशन पर ट्रेन से गोरखपुर आते समय उनका एक पैर कट गया था। कृत्रिम पैर के सहारे घर में ही सिलाई का काम करते थे। वहीं, उनकी पत्नी सिम्मी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। उनकी दोनों बेटियां मान्या श्रीवास्तव (16) और मानवी श्रीवास्तव (14) आवास विकास स्थित सेन्ट्रल एकेडमी में कक्षा 9 और 7 में पढ़ती थीं।

बताया जा रहा है कि मृतक के पिता ओमप्रकाश प्राइवेट गार्ड का काम करते हैं। सोमवार की रात को वह ड्यूटी पर गए थे। सुबह मकान पहुंचे तो एक कमरे में बेटा और दूसरे कमरे में दो बेटियों के शव दुपट्टे के सहारे झूलता हुआ मिला।

दोनों बच्चियों की 5 महीने की स्कूल फीस बकाया थी। वहीं, स्कूल प्रबंधन का दावा है कि स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों पर या बच्चियों पर नहीं बनाया गया था। प्रबंधन के मुताबिक, दोनों छात्राएं पढ़ने में भी अच्छी थीं।

स्कूल प्रबंधन की ओर से बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भी मान्या ने हिस्सा लिया था। साथियों और शिक्षकों का कहना है कि किसी भी प्रकार का दबाव बच्ची के ऊपर नजर नहीं आ रहा था। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चियों की आर्थिक स्थिति से उनके पिता द्वारा अवगत कराया गया था। बच्चियों के पढ़ाई में ठीक होने की वजह से स्कूल प्रबंधन की ओर से फीस को लेकर कोई दबाव नहीं बनाया जाता था।

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