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पिथौरागढ़: एक पोकलैंड, एक क्रेन और 80 मजदूर, 9 दिन में ऐसे तैयार हुआ 180 फीट लंबा पुल

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 27 जुलाई को बादल फटने के बाद जौलजीबी इलाका पूरी तरह से प्रभावित हुआ था। बादल फटने के बाद कई जगहों में हुए भूस्खलन से टूटकर मलबा नीचे आने लगा। 27 जुलाई की रात को आई इस भीषण आपदा में जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क में बरम चामी के पास स्थित दुगड़ीगाड़ का मोटर पुल भी बह गया था। जिसके चलते पुल की जगह गहरी खाई बन गई थी।

लेकिन बीआरओ ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। आपदा में 27 जुलाई की रात बह गए मोटर पुल के स्थान पर बीआरओ ने नया पुल बना दिया है। 180 फीट लंबे इस पुल को बीआरओ ने महज नौ दिन में तैयार कर लिया। जिसके बाद रविवार से पुल में वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। सात अगस्त से बीआरओ ने नया पुल बनाने का काम शुरू किया। पुल बनाने में एक पोकलैंड, एक क्रेन और 80 मजदूर लगे।

रविवार को पुल बनकर तैयार हो गया। बीआरओ के कमांडर कर्नल सोमेंद्र बनर्जी के नेतृत्व में नवनिर्मित पुल का लोकार्पण रविवार को किया गया। आपको बता दें, आपदा के बाद इस पुल के पास लुम्ती समेत अन्य गांवों में फंसे ग्रामीणों को सेना की स्काउट के जवानों ने तारों की सहायता से सुरक्षित निकाला था। पुल बहने से बंगापानी और मदकोट का शेष दुनिया से संपर्क कटा था। लोगों को पैदल ही आवागमन करना पड़ रहा था।

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