उत्तराखंड स्पेशल: एक हादसे से उभर भी नहीं पाई थी, चमोली की तबाही ने भवानी देवी को दूसरा जख्म देकर उसकी दुनिया ही उजाड़ दी

चमोली में आई प्राकृतिक आपदा के 16 दिन बाद भी रेसक्यू ऑपरेशन खत्म नहीं हो पाया है। अब तक करीब 204 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि 134 लोग लापता हैं।

जिनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उन्हीं लापता लोगों में चमोली क भवानी देवी का बेटा भी है। आपदा में मकान टूटने के बाद से भवानी देवी का परिवार पंचायत भवन में रह रहा है। पिछले साल ही भवानी देवी के पति का निधन हो गया था। अभी उसका गम पूरी तरह से भूल भी नहीं पाई थी। पति की मौत के एक साल बाद अब तपोवन जल विद्युत परियोजना में बेटे ने काम करना शुरू किया तो धीरे-धीरे घर बनाने का काम भी शुरू होने लगा।

परिवार भविष्य के सपने देख रहा था कि पंचायत भवन से निकलकर अपने घर में जाएंगे, लेकिन कुदरत को तो कुछ और ही मंजूर था। ऋषिगंगा की आपदा में भवानी देवी का बेटा लापता हो गया है। चाईं गांव में रहने वाली 50 साल की भवानी बेटे के लापता होने के गम में बिल्कुल टूट गई हैं। घर की खुशियां और भविष्य के सपने आंसू बनकर छलक रहे हैं। पहले मकान टूटा, फिर पति गुजर गए और अब बेटे को भी खोने के बाद भवानी देवी पूरी तरह से सदमे में हैं। अब उनके साथ 16 साल का एक और बेटा है। जो कुछ कहने की स्थिति में ही नहीं है। पिछले साल भवानी देवी के पति का भी निधन हो गया, जिसके बाद बेटे ने कंपनी में काम करना शुरू किया।

बता दें कि तीन साल पहले अपना मकान टूटने पर परिवार ने पंचायत भवन में जगह ली थी। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते वो नया घर नहीं बना पाए। बेटे की कमाई से परिवार की आर्थिकी ठीक होने लगी थी। तब परिवार ने नया मकान बनाने का काम भी शुरू करवा दिया। परिवार दुखों को भूलने लगा था, लेकिन आपदा ने परिवार को फिर घाव दे दिए।

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