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उत्तराखंड स्पेशल: इस मंदिर में रुकी थी भगवान शिव की बारात, मंदिर की घंटियों के रहस्य से हर कोई है हैरान!

ऋषिकेश में एक ऐसा मंदिर है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव का मंदिर और मंदिर की हर घंटी से अलग-अलग ध्वनि निकलती है।

उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां के कण-कण में देवताओं का वास है। पहाड़ों का ये प्रदेश जितना अपनी खूबरसूरती के लिए जाना जाता है। उतना ही आकर्षण का केंद्र यहां के मंदिर है। हर मंदिर अपने आप मे एक रहस्य समेटे है। ऐसा ही एक मंदिर ऋषिकेश में है। यहां पर भगवान शिव का अद्भुत मंदिर है। इस मंदिर को भूतेश्वर बाबा मंदिर नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां भोले बाबा की बारात रुकी थी। जब भगवान शिव, सती से विवाह करने के लिए बारात लेकर चले तब सती के पिता राजा दक्ष ने इसी मंदिर में भगवान शिव और उनकी बारात को रुकवाया था। कुछ लोग इसे गुप्त मंदिर भी कहते हैं। मान्यता है कि यहां आने से भूत-प्रेत बाधाएं दूर हो जाती हैं। अगर कोई असाध्य रोग से पीड़ित हो तो उसे एक बार इस मंदिर के दर्शन कर भोले बाबा से प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए। माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव के सच्चे भक्तों को ही दर्शन प्राप्त होते हैं।

इस मंदिर की मिट्टी में शक्ति मानी जाती है। यहां आने वाले भक्त इस मंदिर की माटी को अपने साथ ले जाते हैं। अगर कोई अवसाद या किसी नशे की लत से परेशान है या मन बेहद अशांत रहता है तो ऐसे भक्तों को यहां बाबा के दर्शन अवश्य करने चाहिए। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग के चारों तरफ दस घंटियां हैं और सभी घंटियों की अलग-अलग ध्वनि है। ये हर किसी के लिए एक रहस्य की तरह से है कि आखिर हर घंटी से अलग-अलग तरह की ध्वनि कैसे आती है।

ये मंदिर तीन तरफ से राजाजी नेशनल पार्क से घिरा है। जिसकी वजह से इसकी तरफ फैली हरियाली लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। भूतनाथ मंदिर सात मंजिला इमारत है।

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