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उत्तराखंड स्पेशल: मंदिर में अनोखी परंपरा, प्रसाद की जगह चढ़ाए जाते हैं धारदार हथियार

हल्द्वानी के करीब कॉर्बेट से सटे घने जंगलों में एक ऐसा अनोखा मंदिर हैं जहां मंदिर में प्रसाद में धारदार हथियार चढ़ाए जाते हैं।

उत्तराखंड को देवो की भूमि कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां के कण-कण में भगवान का वास है। सूबे में ढेरों मंदिर हैं, जिनकी अपनी परंपरा है। ऐसा ही एक मंदिर नीताल के हल्द्वानी में है। हल्द्वानी के करीब कॉर्बेट से सटे घने जंगलों में एक ऐसा अनोखा मंदिर हैं जहां मंदिर में प्रसाद में धारदार हथियार चढ़ाए जाते हैं। ये अनोखा मंदिर फतेहपुर गांव के करीब बना है और इसे गांव वाले गोपाल बिष्ट भगवान का मंदिर कहते हैं। मान्यता है कि गोपाल बिष्ट भगवान से जो मुराद मांगो पूरी होती है। बदले में श्रद्धालु मंदिर के ठीक सामने खड़े करणु पेड़ पर तिलक लगी दरांती गाड़ देते हैं, जिससे गोपाल बिष्ट भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।

खास बात ये है कि इस पेड़ पर सैकड़ों सैकड़ों दरांतियां गड़ी हुई हैं, लेकिन पेड़ की सेहत पर इसका कोई असर नहीं दिखता। ग्रामीण इसे चमत्कार मानते हैं। उनका मानना है कि सामान्य पेड़ों में कुछ छोटी-छोटी कीलें ठोकने के बाद पेड़ सूखने लगता है, लेकिन इस पेड़ पर सैकड़ों दरांतियां गड़ी हैं और ये पिछले 100 साल से यूं ही खड़ा है। ग्रामीण इसे गोपाल बिष्ट भगवान की कृपा मानते हैं।

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