Uttarakhand Year Ender 2020: सीएम त्रिवेंद्र के वो 10 बड़े फैसले-सौगात, जिसके लिए उन्हें किया जाएग याद
साल 2020 में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने कई अहम फैसले लिये, जिसके लिए सीएम रावत को हमेशा याद किया जाएगा।
साल 2020 यादों के झरोखों में सिमट चुका और 2021 ने दस्तक दे दी है। जाते-जाते 2020 कई खट्टी-मीठी यादें दे गया है। एक तरफ जहां साल की शुरुआत पूरी दुनिया को झकझोर देने वाली वायरस के संक्रमण से हुई, तो वहीं जाते-जाते इस वायरस से निजात दिलाने वाली वैक्सीन की राहत मिली। इसके अलावा भी साल 2020 में देश-दुनिया में बहुत कुछ हुआ। उत्तराखंड के लोगों को भी पिछले साल ने कुछ अच्छी तो कुछ बुरी यादें दी हैं, जो हमेशा के लिए हमारी जिंदगी के साथ नत्थी हो गई। बीते साल प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने कई ऐसे फैसले लिये जो लोगों की स्मृतियों में हमेशा रहेगा। इन सौगातों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की इच्छाशक्ति के प्रमाण के तौर पर भी देखा जा रहा है। आपको बताते हैं 2020 सरकार के बड़े फैसले।
1. गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी
साल 2020 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने लंबे वक्त से गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की मांग को अमली जामा पहनाया। पहाड़ के लोगों की जनभावनाओं की राजधानी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के लिए याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी की ऐलान कर सबको चौंका दिया था। अब सरकार की वहां करीब 24 हजार करोड़ रुपये के निवेश कर शहर की तस्वीर बदलने जा रही है। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के साथ ही त्रिवेंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वहां सचिवालय भवन का शिलान्यास करके दूसरा बड़ा कदम उठाया।
2. डोबरा-चांठी पुल का तोहफा
इस साल त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने टिहरी में लोगों को उस पुल की सौगात दी जिसकी मांग डेढ़ दशक पुरानी है। ये सीएम त्रिवेंद्र की राजनीतिक इच्छाशक्ति का नतीजा है कि उन्होंने पुल के निर्माण का जो लक्ष्य तय किया, उसे कोविड महामारी की दुश्वारियां भी नहीं डिगा पाई। आखिरकार लंबे वक्त से निर्माणाधीन डोबरा-चांठी आम लोगों के लिए तैयार हुआ। डोबरा-चांठी पुल देश का पहला झूला पुल है, जिसकी लंबाई 725 मीटर है और जो बड़ी गाड़ियां चलाने लायक बना है। समुद्रतल से 850 मीटर की ऊंचाई पर पुल बना है। टिहरी झील को अधिकतम आरएल 830 मीटर तक भरा जा सकता है। पुल की चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें से साढ़े पांच मीटर पर वाहन चलेंगे। बाकी के डेढ़ मीटर पर पुल के दोनों तरफ 75-75 सेंटीमीटर फुटपाथ बनाए गए हैं। पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें से 440 मीटर झूला पुल है। वहीं 260 मीटर डोबरा साइड और 25 मीटर का एप्रोच पुल चांठी की तरफ बनाया गया है।
3. सूर्यधार झील का निर्माण
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना और डोबरा-चांठी पुल को लोगों के लिये तैयार कराने के अलावा भी सीएम ने 2020 में कई यादगार काम किये हैं। मुख्यमंत्री की डोईवाला विधानसभा के थानो के पास सूर्यधार झील का निर्माण कार्य 2020 में ही पूरा हुआ। कोरोना के बावजूद झील निर्माण के कार्य में कोई अड़चन नहीं आने दी गई। इस झील के निर्माण से विधानसभा के कई गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
4. ई-कैबिनेट और ई-ऑफिस शुरू
एक तरफ सीएम ने पिछले साल लोगों को बड़ी सौगात दी, दूसरी तरफ प्रशासनिक स्तर पर भी सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए। उसी में से एक है ई-कैबिनेट और ई-ऑफिस। रावत स रकार ने वर्चुअल प्लेटफार्म पर प्रशासनिक कामकाज करने को मजबूर हुई प्रदेश सरकार ने अब इस माध्यम को प्रशासनिक व्यवस्था की ताकत बनाने का फैसला किया। ई कैबिनेट के बाद सचिवालय और विभागों को ई ऑफिस से जोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया।
5. ग्रामीण अंचल पर फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए रास्ते पर चलते हुए सीएम रावत ने साल 2020 में ग्रामीण अंचल पर भी फोकस किया। इसमें सबसे अहम कदम था ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में रूरल ग्रोथ सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम शुरू किया। अब तक सरकार 106 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत कर चुकी है।
6. हेल्थ सेक्टर में सुधार
कोविड महामारी ने जिस तरह से हमारी हेल्थ सेक्टर पर प्रश्नचिन्ह लगाए। उसके बाद सीएम ने इस सेक्टर में सुधार की पूरी कोशिश की। कोविड-19 महामारी के बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त करने के लिए संसाधनों को बढ़ाने पर जोर दिया। कोरोनाकाल में 476 डाक्टरों की भर्ती की गई। सरकरा ने नर्सों की भर्ती प्रक्रिया का फैसला लिया। अस्पतालों में बैड बढ़ाए। यही नहीं प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को भी केंद्र की अटल आयुष्मान योजना से जोड़ा ताकि भविष्य में किसी भी बीमारी की चपेट में आने पर उन्हें पैसों की तंगी ना झेलनी पड़े। राज्य के करीब तीन लाख कर्मचारी और पेंशनरों को गोल्डन कार्ड देने का कार्य शुरू हो चुका है।
7. महिलाओं को भूमिधरी का अधिकार
बीता साल प्रदेश की महिलाओं को भूमिधरी का अधिकार का फैसला लेने के लिए भी याद रखा जाएगा। इसका सरकार जल्द कानूनी प्रावधान करेगी।
8. शिक्षा सुधार की दिशा में उठाया कदम
प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने राज्य पोषित विश्वविद्यालय को एक कानून के दायरे में लाने के लिए सरकार ने अंब्रैला विधेयक पारित कराया। राजभवन से लौटने के बाद सरकार ने इसमें संशोधन कर इसे दोबारा पारित किया।
9. खेल नीति में बदलाव
सरकार ने 2020 में खेल नीति में बदलाव की ओर भी कदम बढ़ाया। इस साल अक्टूबर के महीने में हुई कैबिनेट की बैक में नई खेल नीति पर मुहर लगी। जिसके तहत अब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 2 करोड़ रुपये की इन इनामी राशि, जबकि सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को डेढ़ करोड़ रुपये और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ी को एक करोड़ रुपये दिया जाएगा।
10. कई और फैसले
कोरोना ने साल 2020 में लोगों की आमदनी पर बड़ी चोट की। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौटे, जिनके रोजगार के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की। इसके साथ ही स्वामित्व योजना का लाभ तेजी से लोगों को प्राप्त हो, इसके लिए सरकार ने इससे जुड़े विवादों के निपटारे की अवधि को 21 दिन से घटाकर 10 दिन का प्रावधान करने के लिए संशोधन विधेयक लेकर आई।