Dehradunउत्तराखंडउत्तराखंड स्पेशल

उत्तराखंड: ठेले वाले के बेटे को IIT रुड़की में मिला दाखिला, निशांत की कहानी हर पहाड़ी युवा को जाननी चाहिए

कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और इंसान ठान ले तो दुनिया की कोई भी ताकत उसे रोक नहीं सकती। देहरादून के कैलाशपुर गांव के निशांत मैनवाल ने इस कथन सच साबित कर दिखाया है।

विपरीत आर्थिक हालातों के बीच निशांत मैनवाल ने देश की प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी रुड़की की परीक्षा निकाल कर एडमिशन लिया है। निशांत आईआईटी रुड़की से जियोलॉजिकल टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग कर रहे हैं। निशांत का आईआईटी रुड़की तक का सफर कड़ी परीक्षाओं से भरा रहा है। जिंदगी ने हर मोड़ पर उनका इम्तिहान लिया, लेकिन वो किसी भी इम्तिाहन से पीछे नहीं हटे।

निशांत आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं। उनके पिता बबलू मैनवाल सब्जी की ठेली लगाकर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं। निशांत की मां गृहणी हैं। घर की ऐसी हालत के बावजूद आईआईटी में दाखिला पाना निशांत के लिए कितनी बड़ी चुनौती रही होगी इसका आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। अपनों का साथ और कुछ कर गुजरने के जज्बे ने निशांत को मजबूत बनाया। दिन-रात की कड़ी मेहनत कर निशांत ने अपने और अपनों के सपने को सच कर दिखाया।

निशांत कहते हैं कि स्कूल से आईआईटी तक के सफर में उनके माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है। निशांत ने बताया कि जब वो 12वीं क्लास में थे तब उन्हें आईआईटी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनके एक खास मित्र ने उन्हें आईआईटी के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने ठान ली कि चाहे कुछ भी हो उन्हें अपने परिवार की हालत को सुधारने के लिए आईआईटी में दाखिला लेना है।

निशांत के माता -पिता ने भी कभी आर्थिक तंगी को निशांत की पढ़ाई के आड़े आने नहीं दिया। उन्होंने निशांत को कोचिंग सेंटर में दाखिला दिलवाकर आईआईटी की तैयारी में सहयोग किया। आर्थिक तंगी के बीच पिता के लिए निशांत को देहरादून के एक जाने-माने कोचिंग सेंटर में दाखिला दिलवाना आसान नहीं था। निशांत के पिता ने कहा कि उन्होंने कोचिंग सेंटर की फीस भरने के लिए दिन रात काम किया। सुबह से लेकर दोपहर तक वे ठेली लगाकर फल बेचते थे। इसके अलावा रात को वो पास के एक गेस्ट हाउस में भी काम करते थे।

बेटे की सफलता से निशांत के पिता का सीना गर्व से चौड़ा। निशांत की मां भी बेटे की कामयाबी से फूले नहीं समा रही हैं। निशांत की मां कहती हैं कि हमने बेटे के हौसले को कभी टूटने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बेटे ने दिन रात मेहनत की और आज ये दिन देखने को मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *