नागरिकता संशोधन बिल का इन फिल्मी सितारों ने किया विरोध, समर्थन में उतरी ये हस्तियां
सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पर पूरे देश में कोहराम मचा है। ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है जो बिल का समर्थन कर रहे हैं, तो ऐसे लोगों की भी बड़ी तादाद है जो बिल का विरोध कर रहे हैं।
बॉलीवुड भी नागरिकता संसोधन बिल को लेकर दो गुटों में बट गया है। कई फिल्मी सितारे इसका समर्थन कर रहे हैं। कई ऐसे है जो बिल की मुखालफत में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। विरोध करने वालों में एक्ट्रेस स्वरा भास्कर हैं। उन्होंने बिल का विरोध करते हुए ट्वीट किया, ”भारत अब हिंदू पाकिस्तान बनने जा रहा है। मैं नहीं चाहती कि एक टैक्स देने वाली महिला के तौर पर मेरा पैसा कट्टर और बकवास NRC/CAB प्रोजेक्ट में लगे।”
आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान ने भी बिल का विरोध किया है। उन्होंने पत्रकार राना अयूब के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि ये उस भारत का अंत है जिसे हम जानते हैं और प्यार करते हैं। सोनी राजदान की बेटी पूजा भट्ट ने भी ट्वीट कर बिल का विरोध किया है।
एक्ट्रेस और मॉडल गौहर खान ने भी बिल पास होने के दिन को लोकंतत्र के लिए बेहद बुरा दिन बताते हुए बिल के विरोध में अपनी आवाज उठाई। जबकि अभिनेता सुशांत सिंह ने बिल की कड़ी निंदा करते हुए ट्वीट किया, ”ये पागलपन बंद होना बेहद जरुरी है और इस बिल को रिजेक्ट किया जाना चाहिए।”
उन बॉलीवुड हस्तियों की तादाद भी कम नहीं है जो इस बिल के समर्थन में खड़े हैं। पाकिस्तान से भारत सिंगर अदनान सामी ने बिल का समर्थन किया है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि ये बिल उन धर्म के लोगों के लिए है जिन्हें धर्मशासित देशों में प्रताड़ित किया जा रहा है। मुसलमानों को अपने अपने मजहब की वजह से पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में प्रताड़नाएं नहीं झेलनी पड़ रही हैं क्योंकि वे वहां बहुसंख्यक हैं। मुस्लिम समुदाय अब भी भारत की सिटिजनशिप के लिए आवेदन कर सकता है।
एक्ट्रेस परेश रावल और एक्ट्रेस श्रुति सेठ ने भी बिल का समर्थन किया है। परेश रावल होम मिनिस्टर अमित शाह का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि एनआरसी आने वाला है। वहीं वही एक्ट्रेस श्रुति सेठ ने लिखा कि हमने दिखा दिया कि अब वापसी संभव नहीं है।
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास हो चुका है। बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। ये बिल नागरिता एक्ट 1955 का संशोधन है। बिल के प्रावधानों के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए, हिंदू, जैन, इसाई, बौद्ध, पारसी धर्म के मानने वालों को भारत में 6 साल तक रहने के बाद यहां की नागरिकता बिना जरूरी कागजात के भी मिल सकती है। जबकि मुसलमानों को नहीं मिलेगी।