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जिस JNU पर खड़े किए जा रहे हैं सवाल, उसी के छात्रों ने IES परीक्षा में रचा इतिहास, जानकर रह जाएंगे दंग

पिछले कुछ महीनों से जिस जेएनयू और उसके छात्रों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। उसी जेएनयू के छात्रों ने IES 2019 की परीक्षा में इतिहास रच दिया है।

IES 2019 (भारतीय आर्थिक सेवा) की परीक्षा का रिजल्ट आप जानकर दंग रह जाएंगे। जेएनयू के छात्रों की क्षमता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि IES 2019 परीक्षा में क्वालीफाई करने वाले 32 उम्मीदवारों में से 18 जेएनयू के हैं। IES परीक्षा 2019 में 8वीं रैंक हासिल करने वाली जेएनयू की छात्रा यशस्विनी सारस्वत ने सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार से उनके कार्यालय में मुलाकात की।

कुलपति से मुलाकात करने के बाद यशस्विनी सारस्वत ने कहा, “हम सब बहुत खुश हैं। जेएनयू के 18 छात्रों ने इस वर्ष परीक्षा में सफलता हासिल की है। मैं खुद को भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि मैं जेएनयू का हिस्सा रही हूं और ये मुकाम हासिल किया है। दुख होता है जब जेएनयू के बारे में कुछ बुरा कहा जाता है, लेकिन हमें इसे चुनौती के रूप में लेना चाहिए।”

भारतीय आर्थिक सेवा क्या है?

भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) का गठन 1961 में किया गया था। आईईएस की भूमिका को मोटे तौर पर आर्थिक सुधार, विनियमन, मूल्यग निर्धारण और अनुवीक्षण और मूल्यांआकन जैसे क्षेत्रों में कार्य करने के अतिरिक्त1 आर्थिक सलाह, आर्थिक प्रशासन, विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वायन के संदर्भ में वर्गीकृत किया जा सकता है। इस सेवा का गठन मूलत: विकास नीति के मुद्दों पर आर्थिक सलाह देने के लिए और आर्थिक प्रशासन के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सरकार के भीतर क्षमता निर्मित करने के लिए किया गया था। 1991 के शुरुआत में किए गए आर्थिक सुधार औऱ सरकार की विनियामक भूमिका के विस्ताषर से इस प्रकार की सलाह की अधिक जरूरत पड़ी। भारतीय आर्थिक सेवा के अधिकारी आर्थिक क्रियाकलापों के सभी क्षेत्रों से संबंधित अपेक्षित राय-मशविरा प्रदान करते हैं।

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