दिल्ली: पिता बनाते थे पंक्चर, बेटा बन गया विधायक
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को प्रचंड जीत मिली है। 70 में से 62 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की। जबकि 8 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस एक बार फिर अपना खाता तक नहीं खोल पाई।
आम आदमी पार्टी के 62 विधायकों में से एक हैं जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार। प्रवीण कुमार ने एमबीए किया है वो एक बड़ी कंपनी में काम करते थे। उनकी सैलरी लाखों में थी। प्रवीण ने शानदार पैकेज को छोड़कर केजरीवाल के आंदोलन का हिस्सा बने और आप के टिकट पर 2015 में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अब दूसरी बार विधायक बनकर उन्होंने ये साबित कर दिया है कि अगर लगन हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है।
प्रवीण कुमार संघर्ष
35 साल के प्रवीण मूल वैसे तो मध्य प्रदेश के बैतूल के एक छोटे से कस्बे आठनेर के रहने वाले हैं। प्रवीण कुमार के पिता भोपाल में पंक्चर टायर रिमोल्ड करने का काम करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की बेटा भले ही दूसरी बार भी विधायक बन गया है लेकिन पिता ने अपना काम करना नहीं छोड़ा। उनके कस्बे आठनेर में भी प्रवीण की जीत का जश्न मनाया गया। प्रवीण कुमार बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने आठनेर में की। आगे की पढ़ाई के लिए वो भोपाल चले गए। वहां से टीआईटी कालेज बीएससी के बाद एमबीए किया।
बेटे को पढ़ाने के लिए पिता भी भोपाल आ गए। यहां उन्होंने पंक्चर बनाने और टायर रिमोल्ड का काम करके प्रवीण को अच्छी शिक्षा दिलाई। प्रवीण ने भी पिता की मेहनत को साकार किया और अपना करियर एक एमबीए प्रोफेशनल के तौर पर बनाया। दिल्ली में नौकरी करने दौरान ही वो अन्ना के आंदोलन के साथ जुड़ गए। प्रवीण आंदोलन से इतने प्रभावित हुए कि नौकरी छोड़कर उसी में शामिल हो गए। आंदोलन खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े।