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उत्तराखंड: चमोली में शिवरात्रि से पहले भव्य मेला, उमड़ा जनसैलाब, संस्कृति-परंपरा का अनूठा संगम आपने देखा?

उत्तराखंड में चमोली जिले थराली के सोल डुंग्री में महा शिवरात्रि से पहले भव्य मेले का शुभारंभ हो गया है।

जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने बतौर मुख्य अतिथि मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति में मेलों का विशेष महत्व है। मेले जहां मिलन का मुख्य केंद्र तो होते ही हैं, वहीं इन मेलों के जरिए ही अपनी लोकसंस्कृति को जीवित रखने के साथ ही उसके प्रसार का एक सशक्त माध्यम भी बनते जा रहे हैं। जो लोकसंस्कृति के संरक्षण के लिए शुभ संकेत ही माना जा सकता है।

पंचायत अध्यक्ष भंडारी कहा की अपनी लोक संस्कृति को बढ़ाने और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए मेलों का आयोजन सामूहिक प्रयासों से करना जरूरी हैं। उन्होने डुंग्री मेले को हर संभव सहायता का आयोजन कमेटी को आश्वासन दिया। इस मौके पर पूर्व कैबिना मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने मेले के आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि अभी भी सोल क्षेत्र में तमाम समस्याओं का निराकरण ना होने पर चिंता जताते हुए इसके लिए शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने संयुक्त प्रयासों से इसके निराकरण में जुटने पर जोर दिया। हंस फाउंडेशन के सचिव पदमेंद्र बिष्ट ने मेले के आयोजन और प्रस्तुत कार्यक्रमों की सराहना की। इस मौके सूना वार्ड के जिपंस देवी जोशी, पूर्व जिपंस महेश शंकर त्रिकोटी, कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह रावत, सोल संघर्ष समिति के अध्यक्ष हयात नेगी, भानु प्रकाश फर्स्वाण ने अपने विचार रखे।

मेले के उद्घाटन के मौके पर क्षेत्र के स्कूल, कॉलेज के साथ ही लोकगायक दर्शन फर्श्वान और कलाकार सुरेंद्र कमांडर ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस मौके पर मेला समिति के अध्यक्ष भरत रावत, मेला संचालक चरण सिंह रावत, ग्राम प्रधान दीपा मिश्रा, क्षेपंस मंजू देवी, पार्वती देवी, दर्शनी देवी, सुरेंद्र नेगी, सुनील रावत, सूरज कुमार, अभिशेख मिश्रा, बलवीर राणा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की जन सहयोग से मेले का संचालन किया जा रहा है।

(थराली से मोहन गिरी की रिपोर्ट)

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